यूपी में सपा तय करने लगी अपने उम्मीदवार, सीट बंटवारा हुआ नहीं फिर भी कई सीटों पर होने लगा प्रचार

यूपी में सपा तय करने लगी अपने उम्मीदवार, सीट बंटवारा हुआ नहीं फिर भी कई सीटों पर होने लगा प्रचार

लखनऊ, जनवरी 7 (TNA) इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट शेयरिंग अभी भली ही फाइनल नहीं हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) अभी से अपने उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का संदेश देने लग गई है. जिसके चलते लखनऊ सहित राज्य के तमाम जिलों में चुनाव लड़ने वाले सपा उम्मीदवारों से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. लखनऊ से तो सपा के उम्मीदवार के रूप में लखनऊ मध्य सीट से सपा के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने प्रचार भी शुरू कर दिया है.

इसी तरह से फर्रुखाबाद से डाक्टर नवल किशोर भी अपने को जनता के बीच सपा का उम्मीदवार बताने लगे हैं. सूबे में बिना किसी औपचारिक घोषणा के लोकसभा सीटों पर सीधे उम्मीदवारी तय करने को लेकर सपा की इस राजनीति से कांग्रेसी नेता भौचक हैं और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं को सपा के इस कदम से अवगत कराया है.

गौरतलब है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीते साल अक्टूबर में यह ऐलान किया था कि वह नवरात्र में वीआईपी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर देंगे. इसमें सपा के अहम चेहरों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़े चेहरों वाली सीटों की उम्मीदवारी वाली सीटें भी शामिल थी. इसीक्रम में पार्टी नेताओं से यह दावा करना शुरू किया कि कन्नौज सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव से, मैनपुरी सीट से डिंपल यादव, फिरोजाबाद सीट से अक्षय यादव और बदायूं सीट से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ेंगे.

इसके अलावा अखिलेश यादव ने यह दावा किया कि यूपी में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर भाजपा विरोधी गठबंधन की अगुआई वही करेंगे और सीटों के बटवारे में उनकी चलेगी. इसके बाद सपा नेताओं का कहा, सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से कम से कम 60 सीटों पर सपा उम्मीदवार खड़े करेंगी. जबकि बाकी 20 सीटें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और कांग्रेस के लिए छोड़ी जाएंगी. इन 20 सीटों में रालोद, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों के कौन कौन सी सीट दी जाएगी यह तह करने के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट आने के पहले ही अब सपा अपने उम्मीदवारों के नामों को उजागर करने लगी है.

अखिलेश की मंशा

इसका कारण यह बता जा रहा है कि अखिलेश यादव यह चाहते हैं कि कांग्रेस और अन्य दल ज्यादा सीटें यूपी में ना मांगे. जबकि कांग्रेस यूपी में 20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. रालोद के मुखिया जयंत भी कम से कम आठ सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. जनता दल यूनाइटेड (जेड़ीयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और तृणमूल कांग्रेस भी यूपी में चुनाव लड़ने के लिए एक-दो सीट चाह रही है. इसलिए लिए अभी से अखिलेश ने पार्टी के उम्मीदवारों का ऐलान करना शुरू कर दिया है.

जिसके चलते लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, प्रतापगढ़ से एसपी सिंह पटेल, अयोध्या से अवधेश प्रसाद, अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा, खीरी से उत्कर्ष वर्मा और फर्रुखाबाद से डाक्टर नवल किशोर शाक्य चुनाव प्रचार करने लगे है. डाक्टर नवल किशोर केजीएमयू जैसी संस्था से पढ़कर डॉक्टर बने हैं और कैंसर जैसी बीमारी का इलाज करते हैं. बीते हफ्ते ही एटा में अखिलेश यादव ने उनका जिक्र कर यह संकेत दिया था कि वह फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ेंगे.

इसके साथ ही अखिलेश ने लोकसभावार प्रभारी तय किए हैं. इनके नामों के चयन में ही संभावित उम्मीदवारी का झलक दिख गई रही है क्योंकि कई लोकसभा सीटों पर ऐसे ही चेहरों को यह जिम्मेदारी दी गई है जो आगामी लोकसभा के लिए टिकट मांग रहे थे. अब यह सब करते हुए सपा मुखिया ने अनौपचारिक तौर पर कई सीटों पर उम्मीदवारों को सीधा संदेश दे दिया गया है कि वह अपनी जमीनी तैयारी शुरू कर दें, इंडिया गठबंधन के साथ सीटों का बंटवारा होता रहेगा.

— राजेंद्र कुमार

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