डीवीवीएनएल ऑफिस के स्टोर रूम में घुसा अजगर, वाइल्डलाइफ एसओएस ने किया रेस्क्यू

डीवीवीएनएल ऑफिस के स्टोर रूम में घुसा अजगर, वाइल्डलाइफ एसओएस ने किया रेस्क्यू

आगरा के सिकंदरा स्थित दक्षिणांचल विद्युत् वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के 220-केवी सबस्टेशन “उर्जा भवन” के स्टोर रूम में पांच फुट लंबा अजगर दिखने से वहाँ हडकंप मच गया। अजगर को वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने रेस्क्यू किया और सुरक्षित रूप से अपने प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया।

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के 220 केवी सबस्टेशन के कर्मचारियों के लिए गुरुवार की सुबह सामान्य से काफी डरावनी रही, जब उन्होंने एक अजगर को स्टोर रूम में घुसते देखा।

विद्युत् विभाग के अधिकारियों द्वारा इसकी सूचना वन्यजीव संरक्षण संस्था के 24x7 आपातकालीन हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर दी गई, जिसके बाद रैपिड रेस्पोंस यूनिट की दो सदस्यी रेस्क्यू टीम आवश्यक बचाव उपकरण के साथ स्थान पर पहुची।

टीम को सबसे पहले सांप तक आसानी से पहुंचने के लिए वहाँ मौजूद कर्मचारियों की मदद से स्टोर रूम को खाली कराना पड़ा। 30 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद, अजगर बक्से के ढेर के नीचे मिला, जिसे टीम ने सुरक्षित रूप से पकड़ कर कपड़े के बैग में स्थानांतरित कर दिया।

प्रवीण कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजिनियर, ने बताया, “हम वाइल्डलाइफ एसओएस के बचाव कार्यों से पहले से ही अवगत हैं, इसलिए हमने तुरंत उनकी टीम से संपर्क साधा। उनकी टीम ने बचाव अभियान को बहुत कुशलता से संभाला। ”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “यह अजगर उन कठिन परिस्थितियों का एक बड़ा उदाहरण है जिनमे सांप अक्सर फस जाते हैं। हमारी रेस्क्यू टीम जंगली जानवरों को बचाने और उन्हें सुरक्षित रूप से जंगल में स्थांतरित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करती हैं। ”

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी, ने कहा, "हालांकि अजगर विषैले नहीं होते, लेकिन इनके काटने से गहरी चोट लग सकती है, इसलिए इस तरह के बचाव कार्यों को करते समय सावधान रहना आवश्यक है। हमारे पास प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम हैं जो साँप के बचाव अभियान सावधानीपूर्वक करने में अनुभवी हैं। ”

एक अन्य घटना में, आगरा एयरफोर्स स्टेशन के अंदर एक बगीचे में मॉनिटर लिजार्ड को देखा गया। एनजीओ की बचाव टीम ने सावधानीपूर्वक उसे पकड़ा, जिसे बाद में मानव बस्तियों से दूर सुरक्षित निवास स्थान में छोड़ दिया।

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