मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर राहुल भले ही बधाई दे रहे हों लेकिन गांधी परिवार ने उन्हें अच्छे कार्यों का श्रेय नहीं दिया

मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर राहुल भले ही बधाई दे रहे हों लेकिन गांधी परिवार ने उन्हें अच्छे कार्यों का श्रेय नहीं दिया

आज बात करेंगे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की । विश्व के दिग्गज अर्थशास्त्रियों में शुमार मनमोहन सिंह आज अपना 88वां जन्मदिन मना रहे हैं । 'पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर उनकी प्रशंसा कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा' । इस मौके पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत देश पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की तरह गहराई की अनुपस्थिति को महसूस कर रहा है। उनकी शालीनता और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

'आज भले ही राहुल गांधी पूर्व पीएम की प्रशंसा करने में लगे हुए हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मनमोहन सिंह को अच्छे कार्यों के लिए कभी उन्हें श्रेय नहीं दिया' । हम बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले आपको 29 वर्ष पहले यानी वर्ष 1991 में लिए चलते हैं । यह साल ऐसा था जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु में बम विस्फोट के दौरान मृत्यु हो गई थी । उसी वर्ष लोकसभा के चुनाव भी आयोजित किए जा रहे थे । उसके बाद केंद्र की सत्ता में कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार बनाई और पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने ।

राव की सरकार में डॉक्टर मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया था । 'उस दौर में देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर में चल रही थी' । उसके बाद 'नरसिम्हा राव ने देश में आर्थिक उदारीकरण के लिए जो पहल की उसको अमलीजामा पहनाने में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी भूमिका मानी जाती है, मनमोहन सिंह के आर्थिक उदारीकरण को आज भी याद किया जाता है लेकिन उन्हें हमेशा मलाल रहा कि गांधी परिवार ने उनकी कभी सराहना नहीं की' ।

प्रधानमंत्री काल में मनमोहन सिंह की सोनिया और राहुल गांधी प्रशंसा करने से बचते रहे

अब बात करते हैं वर्ष 2004 की। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की सरकार को परास्त कर केंद्र की सत्ता पर कब्जा किया था । 'उस साल केंद्र की सत्ता में काबिज होना कांग्रेस के लिए एक सरप्राइज से कम नहीं था' । लोकसभा के चुनाव में देश की जनता ने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेता को कुर्सी से हटा कर कांग्रेस को केंद्र का सिंहासन थमा दिया था ।

'उस समय प्रधानमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के रणनीतिकारों ने सोनिया गांधी का नाम आगे बढ़ाया लेकिन ऐनमौके पर सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर नहीं की तब जाकर डॉ मनमोहन सिंह को पीएम बनाया गया था' ।‌ डॉ मनमोहन सिंह ने वर्ष 2004 से लेकर 2014 तक केंद्र में अपनी सरकार चलाई । 'शालीन और हमेशा विवादों से दूर रहे डॉक्टर सिंह अच्छे अर्थशास्त्री नेता के रूप में देश-विदेशों तक सराहे गए, लेकिन सोनिया और राहुल गांधी ने उन्हें विशेष मौके पर हमेशा दरकिनार किया' ।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी का प्रशंसा न करना मनमोहन सिंह को हमेशा मलाल रहा

पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पर पार्टी से कई बार उन्हें प्रत्यक्ष तौर पर अपने किए कामों के लिए श्रेय नहीं मिला । यहां हम आपको बता दें कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू, जिन्होंने मनमोहन सिंह पर किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' भी लिखी थी ।

संजय बारू ने इस किताब में कांग्रेस और सोनिया, राहुल गांधी के द्वारा श्रेय न मिलने पर चर्चा की थी । बारू ने कहा था कि मनमोहन सिंह ने इसका कभी सार्वजनिक रूप से जिक्र तो नहीं किया लेकिन उनको इस बात का अंदर से मलाल जरूर था। संजय बारू ने कहा था कि वर्ष 2009 में कांग्रेस की दोबारा केंद्र की सत्ता पर आने पर मनमोहन सिंह ने कहा था कि उनके पिछले 5 सालों की वजह से ही देश की जनता ने उन्हें जनादेश दिया है, लेकिन मनमोहन सिंह की यह बातें सोनिया और राहुल गांधी को पसंद नहीं थी ।

मनमोहन सिंह के द्वारा लाए गए अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ दिया था

'डॉ मनमोहन सिंह अपने 10 साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल में राहुल गांधी के फाड़े अध्यादेश पर सबसे अधिक दुखी हुए थे, राहुल गांधी के इस बर्ताव से नाराज होकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अपने खास मित्र और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से पूछा भी था कि क्या वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं' । अहलूवालिया ने इस मामले में मनमोहन सिंह से इस्तीफा देने से मना कर दिया था । आइए आपको बताते हैं वह अध्यादेश क्या था ।

'दोषी करार दिए गए जनप्रतिनिधियों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी करते हुए 'संप्रग-2 सरकार द्वारा लाए गए विवादास्पद अध्यादेश की आलोचना कर राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी थी'। बता दें कि उस समय राहुल गांधी ने कहा था कि यह अध्यादेश पूरी तरह से बकवास है । 'बाद में मनमोहन सिंह ने अपने इस्तीफे की बात से इनकार किया था, हालांकि वह राहुल गांधी के इस पूरे प्रकरण पर खफा दिखाई दिए थे'। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म भारत के विभाजन से पहले पाकिस्तान के पंजाब में 26 सितंबर, 1932 में हुआ था। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई दी।

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