प्रयागराज में टूटी नावों तक गांव की निषाद महिलाओं के साथ पहुंची प्रियंका गांधी
प्रयागराज/लखनऊ 21 फरवरी (TNA) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को प्रयागराज पहुंचकर प्रशासन द्वारा निषाद समुदाय की जीविका के साधन नावें- जो पूरी तरह तोड़कर नष्ट कर दी गयी थीं, पीड़ित निषाद समुदाय के गांव में पहुंचीं और उनका दुख-दर्द जाना।
कांग्रेस महासचिव पुलिस प्रशासन द्वारा निषाद समुदाय की महिलाओं और बच्चों के साथ किये गये क्रूर व्यवहार पर प्रयागराज पहुंची। प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचने पर प्रियंका गांधी का नाविक सुजीत निषाद ने स्वागत किया, सुजीत निषाद ने पिछले प्रयागराज दौरे पर प्रियंका गांधी के साथ नाव चलायी थी। इसके साथ ही नाविक बलिराम साहनी भी मौजूद रहे जो गंगा यात्रा के दौरान प्रियंका के साथ रहे थे।
गांधी के साथ गाड़ी में बैठकर नाविक सुजीत निषाद और बलिराम साहनी बंसवार गांव पहुंचे जहां निषाद समुदाय का पुलिस उत्पीड़न किया गया था। बंसवार गांव पहुंचकर पीड़ित महिलाओं से मिलकर कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं आपकी समस्याओं और दुःख को समझने के लिए यहां आयी हूं। पिछले साल जब गंगा यात्रा में मैं गयी थी आप मेरे साथ थे।
इन्होने मुझे बताया कि किस तरह से पहले पट्टे मिलते थे आपका अधिकार होता था और आपको कुछ चीजों की छूट थी। छूट इसलिए दी गयी थी क्योंकि उस समय की सरकार यह समझती थी कि आपके अधिकार क्या हैं। वह यह बात समझती थी और पूरी दुनिया इस समय समझ रही है जो पर्यावरण है, नदिया हैं, जंगल है जो उसके आसपास रहते हैं उनकी कमाई उसी से है वह उसकी हानि कभी नहीं कर सकते।
उन्होंने पीड़ितों से बात करते हुए कहा कि लेकिन जो बड़े-बड़े उद्योगपति हैं, ठेकेदार हैं उनका जीवन तो नदी, जंगल से जुड़ा नहीं होता और तब जो वह व्यापार करते हैं उनको कोई मतलब नहीं होता कि नदी की हानि हो रही है, जंगलों की हानि हो रही है।
यह समझ आप में है। क्योंकि आप पुश्तों से यह काम कर रहे हैं और इसी काम पर आपका जीवन निर्भर है इस काम के बिना आपका जीवन मुश्किल है। तो यह बात जब सरकार समझती है तो ऐसे नियम कानून नीतियां क्यों नहीं बनाती जिससे आपका भला हो, नदी का भला हो।