नवाबगंज, जिला गोण्डा का खनन माफिया योगी सरकार पर भारी

नवाबगंज, जिला गोण्डा का खनन माफिया योगी सरकार पर भारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार साढ़े चार वर्ष कार्यकाल पूरे होने जा रही है। इस दौरान योगी ने प्रदेश में खनन माफिया, भू माफिया के खिलाफ अभियान चलाया और बड़ी-बड़ी कार्रवाई की लेकिन राम की नगरी अयोध्या से सटे नवाबगंज जनपद गोण्डा के खनन माफिया हाफिज अली अभी भी अवैध खनन कर रहे हैं। जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में खनन माफिया से प्रभावित गाँव के 35 से अधिक ग्रामीणों ने जनहित याचिका दाखिल की थी जिसका PIL Civil 21499 (M-B) 2021 रामलगन बनाम उत्तर प्रदेश सरकार है। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा 23 सितम्बर 2021 को 2 सप्ताह में शासन से रिपोर्ट तलब की गयी है।

राज्य सरकार जिलाधिकारी गोण्डा द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को ही उच्च न्यायालय में दाखिल करेगी। लेकिन जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शासन के अधिकारी खनन माफिया पर कार्रवाई नहीं कर पाए, सांसद कीर्तिवर्धन सिंह खनन माफिया के दवाब में आकर शिकायत करने के बाद चुपचाप बैठ गए।

खनन माफिया के खिलाफ स्थानीय थाना नवाबगंज जनपद गोण्डा में अपराध संख्या 223/2013 धारा-379 आई०पी०सी० खनन अधिनियम-3 (2) प्रा० अधि०, अपराध संख्या 04/2014 धारा-379 आई०पी०सी० खनन अधिनियम-3 (1) प्रा० अधि०, अपराध संख्या 198/2014 धारा-379 आई०पी०सी० खनन अधिनियम-3 (2) प्रा० अधि०, अपराध संख्या 617/2016 धारा-379 120बी आई०पी०सी० 4/21 खनन अधिनियम, अपराध संख्या 622/2016 धारा-379 120बी, 34 आई०पी०सी० व 4/21 खनन अधिनियम, 20 भारतीय वन अधिनियम- 3 (2) लोक सम्पत्ति अधि०, अपराध संख्या 621/2016 धारा-379 120बी आई०पी०सी० 4/21 खनन अधिनियम, अपराध संख्या 624/2016 धारा-3(1) यू० पी० गंगेस्टर एक्ट, अपराध संख्या 208/2017 धारा-3(1) यू० पी० गुंडा एक्ट, अपराध संख्या 226/2017 धारा-323, 504, 506 आई०पी०सी०, अपराध संख्या 205/2019 धारा-323, 504, 506, 395, 397 452, 427 आई०पी०सी० 10 मुक़दमे दर्ज है।

खनन माफिया का मनोबल इतना बढ़ गया है कि उसका अवैध खनन अभी भी जारी है। यही नहीं गोण्डा नवाबगंज के अलावा अन्य जनपदों में भी खनन माफिया हाफिज का अवैध खनन जारी रहा।

गोण्डा के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह ने संसदीय क्षेत्र में अवैध खनन होने के कारण हाफिज अली के खिलाफ तथ्यों के साथ शिकायत की लेकिन तत्कालीन सपा सरकार में सपा नेताओं द्वारा खुला संरक्षण देने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। जिसके कारण सांसद कीर्ति वर्धन सिंह ने एनजीटी में शिकायत की जिसका मुकदमा नंबर - OA No 429 of 2017 व OA No 124 ऑफ 2019 है। एनजीटी के द्वारा हाफ़िज़ अली पर 212 करोड़ 46 लाख का जुर्माना लगाया गया और 24 जुलाई 2018 को वसूली का आदेश दिया गया।

2017 में योगी सरकार बनने के बाद भी खनन माफिया का प्रभाव सरकार में कम नहीं हुआ जिसके कारण एनजीटी के 212 करोड़ वसूली के खिलाफ खनन माफिया को न्यायालय से मदद मिल गई और वसूली पर रोक लग गई। 2018 से लेकर 2021 तक 3 साल से अधिक योगी सरकार का हो गया लेकिन अभी तक उच्चतम न्यायालय में खनन माफिया के खिलाफ योगी सरकार के अफसर प्रभावी पैरोकारी नहीं कर पाये।

जिसके कारण खनन माफिया का मनोबल इतना बढ़ गया है कि उसका अवैध खनन अभी भी जारी है। यही नहीं गोण्डा नवाबगंज के अलावा अन्य जनपदों में भी खनन माफिया हाफिज का अवैध खनन जारी रहा। हमीरपुर में विजप्ति संख्या -13/23 खनिज/एम० एम० सी० 0-30 विजप्ति मोरम (2017-18) दिनांक 22-3-2018 के अनुसार रिरुआ बसरिया में स्थित बालू, मोरंग क्षेत्र खंड संख्या 22/14 रकवा 24 291 है० के खनन पट्टा हेतु 330/- रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से कागज़ दिखा कर नोएडा निवासी दानवीर सिंह आदि लोगों से 3 करोड़ 46 लाख 15 हजार 40 रुपये धनराशि खनन में साझेदारी के लिए लिया और एग्रीमेंट किया। 12.5% हिस्सेदारी दी।

एग्रीमेंट के अनुसार जब धनराशि नहीं मिली तो दानवीर सिंह व अन्य लोगों ने हमीरपुर में 22/14 खनन खण्ड का जानकारी ली तो पता चला कि यह काम M/S SENVIN Infrastructure Pvt. Ltd को बेच दिया गया है जबकि वास्तविकता यह है कि यह फर्म हाफिज की ही है और इन्होंने 30 करोड़ से अधिक धनराशि खनन से कमाया है।

एग्रीमेंट का पालन न करने के कारण दानवीर सिंह ने कई बार शिकायत की लेकिन हाफिज के प्रभाव के कारण योगी सरकार में प्राथमिकी नहीं दर्ज हुई। न्यायालय के हस्तक्षेप से 24 जनवरी 2021 को हाफिज के खिलाफ ग्रेटर नॉएडा के कासना थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 406, 504, 506, 120 बी के तहत हाफिज व एग्रीमेंट में शामिल अतीकुर्रहमान, शेरखान के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने के 10 महीने बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं की।

यहाँ सबसे बड़ा सवाल यही है कि ईमानदार मुख्यमंत्री के साढ़े चार साल शासन काल में खनिज माफिया के खिलाफ उच्च न्यायालय में पैरोकारी नहीं की गयी जिससे NGT द्वारा लगाया गया जुर्माना सरकार के खाते में नहीं आया। दूसरा NGT में जब खनन माफिया पर अवैध खनन के कारण जुर्माना लगाया और इसके बाद भी हमीरपुर सहित अन्य जनपदों में हाफिज की कंपनी या उससे जुड़ी हुई कंपनी को खनन का ठेका कैसे मिला। सरकार में कौन लोग है जो खनन माफिया को संरक्षण दे रहे हैं यहाँ सबसे महत्वपूर्ण सवाल यही है कि साढ़े 4 वर्ष में कार्रवाई नहीं हुई तो चुनावी वर्ष में कार्रवाई कैसे होगी ? जिस राजनीतिक संरक्षण और धनबल पर साढ़े 4 वर्ष में कार्रवाई नहीं हुई वह अब कैसे होगी ? जिलाधिकारी गोण्डा सही रिपोर्ट कैसे भेज पाएंगे ?

गोण्डा जनपद की पुलिस या ग्रेटर नॉएडा की पुलिस हाफिज जैसे ताकतवर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति पर कार्रवाई कैसे कर सकती है। यह माना जा रहा है कि गोण्डा के हाफ़िज़ को देवीपाटन मंडल के सभी प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। चुनाव में इन राजनीतिक लोगों को बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद भी करते है। पिछले 15 वर्षों में गोंडा जनपद में हाफिज के अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाली रोशन जैकब इकलौती जिलाधिकारी रही है। सपा बसपा सरकार में जिलाधिकारी स्तर से कार्रवाई का असर थोड़े दिनों रहती थी और रोशन जैकब के हटने के बाद अवैध खनन जारी रहा।

सवाल यही उठ रहा है कि आखिर हाफिज को संरक्षण कौन दे रहे है? क्या योगी आदित्यनाथ से ज्यादा प्रभावशाली है ? जिलाधिकारी क्या सही रिपोर्ट देंगे ? और शासन के अधिकारी मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर अयोध्या से सटे नवाबगंज के खनन माफिया पर कार्रवाई होगी। अयोध्या एक ऐसा जनपद है यहाँ पर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के बाद सबसे अधिक दौरा किये है और अयोध्या से लगे नवाबगंज क्षेत्र में अवैध खनन योगी सरकार में भी जारी है। यह गंभीर सवाल है। समय बताएगा कि मुख्यमंत्री सचिवालय अन्य माफियाओं की तरह हाफिज खनन माफिया पर कार्रवाई करते है और जिन लोगों से धोखाधड़ी की है उनकी धनराशि वापस करवाएंगे ?

(लेखक उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं, विचार उनके निजी हैं )

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