कांग्रेस 'गुलाम के आजाद बोल', सोनिया-राहुल नहीं माने तो पार्टी 50 साल विपक्ष में ही रहेगी

कांग्रेस 'गुलाम के आजाद बोल', सोनिया-राहुल नहीं माने तो पार्टी 50 साल विपक्ष में ही रहेगी

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वर्ष 2001 में अनिल शर्मा निर्देशित 'गदर' फिल्म आई थी । इस फिल्म में अभिनेता सनी देओल का एक संवाद दर्शकों में बहुत लोकप्रिय हुआ था, वह इस प्रकार है । 'जट अगर बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले डूबेगा' । इसी संवाद के तर्ज पर इन दिनों कांग्रेस के 'गुलाम हो गए हैं आजाद' । हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद की । सोनिया, राहुल गांधी के सबसे वफादार रहे आजाद इन दिनों कांग्रेस की 'बाजार में नीलामी' करने में जुटे हुए हैं । सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद पर भाजपा की मिलीभगत का आरोप लगाया था ।

हालांकि उसी दिन शाम को सोनिया और राहुल गांधी ने वर्किंग कमेटी में सभी नेताओं से गिले-शकवे भूलाने का दावा किया था । लेकिन गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल के अंदर राहुल गांधी के दिए गए सार्वजनिक रूप से 'जख्म' नहीं भर पाए हैं । सिब्बल तो अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन गुलाम नबी आजाद बेलगाम होकर कांग्रेस को मिटाने में लगे हुए हैं ।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर कांग्रेस वर्किंग कमेटी और संगठन के प्रमुख पदों पर चुनाव करवाने पर जोर दिया है। आजाद ने कहा कि चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले पचास साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। आजाद का यह बयान सुनकर भाजपा खूब गदगद नजर आ रही है ।

सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी लीक हो गई तो इसमें कौन सी बड़ी बात है : गुलाम नबी

इससे पहले आजाद ने कांग्रेस आलाकमान को चेतावनी देते हुए कहा था अगर सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी लीक भी हो गई तो कौन सी बड़ी बात है । आजाद ने कहा कि राहुल गांधी को इतना बड़ा मसला नहीं बनाना चाहिए था या कोई शिकायत नहीं है इसमें केवल पार्टी से कहा गया है कि संगठन को मजबूत करने के लिए चुनाव करवाए जाए ।

गुलाम नबी ने कहा कि हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाने का है। आजाद ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा "जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है।

जो वफादार होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इससे पार्टी और देश को नुकसान होगा। आजाद ने कहा कि जो लोग कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान अनाप-शनाप भाषणबाजी कर रहे थे, क्या यह अनुशासनहीनता नहीं है। जो लोग हमें पत्र लिखने को लेकर गालियां दे रहे थे, क्या वे अनुशासनहीन नहीं हैं। क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाना चाहिए, हमने तो किसी को गाली नहीं दी। दूसरी ओर कपिल सिब्बल लगातार ट्वीट कर अपनी बात रख रहे हैं। इसके साथ ही मनीष तिवारी भी गांधी परिवार के लिए नाराज कांग्रेसियों को लामबंद करने में जुटे हुए हैं । वहीं उत्तर प्रदेश से ब्राह्मण लॉबी से आने वाले जितिन प्रसाद ने भी गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है ।

हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाने का है। आजाद ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है

गुलाम नबी आजाद के लगातार कांग्रेस पार्टी पर हमलावर होने की स्थिति में भाजपा आलाकमान नजर लगाए हुए हैं । जो काम भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के लिए पिछले 6 वर्षों से कर रही है, वही इन दिनों आजाद कांग्रेस को नेस्तनाबूद करने में लगे हुए हैं ।

आजाद वही नेता है जिन पर कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर को लेकर सबसे बड़ी आवाज बुलंद करती रही है । कांग्रेस में आजाद को पहले केंद्रीय मंत्री उसके बाद जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी । फिलहाल आजाद कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं । राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद का कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है । इससे भी गुलाम नबी खासे चिंतित नजर आ रहे हैं ।

पिछले साल जब से मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था तब गुलाम नबी आजाद ने भाजपा सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध किया था । अगर गुलाम नबी आजाद ऐसे ही कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते रहे भाजपा के लिए यह फायदे का सौदा रहेगा ।

खासतौर पर जम्मू कश्मीर को लेकर पीएम मोदी की आवाज बुलंद करने के लिए मुस्लिम नेताओं में सबसे उपयुक्त गुलाम नबी आजाद ही रहेंगे । जब राहुल गांधी ने उन पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा ही दिया है तो गुलाम नबी आजाद सोच रहे होंगे क्यों न कांग्रेस से दो-दो हाथ कर ही लिया जाए ।

संभव है कि आने वाले दिनों में जल्द ही भाजपा आजाद पर मेहरबान होती हुई नजर आए । हालांकि अभी भाजपा आलाकमान की ओर से ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, फिलहाल पार्टी गुलाम नबी आजाद को लेकर 'वेट एंड वॉच' की मुद्रा में है ।

-- शंभू नाथ गौतम

(The Author is an Agra-based senior journalist and a guest contributor with us. Views expressed in the article are his personal)

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