मोदी-योगी पर दबाव बनाने में जुटे ओपी राजभर, दशहरा-दिवाली दोनों बीते, नहीं बने मंत्री!

मोदी-योगी पर दबाव बनाने में जुटे ओपी राजभर, दशहरा-दिवाली दोनों बीते, नहीं बने मंत्री!

लखनऊ, नवंबर 15 (TNA) दशहरा बीत गया. दीपावली भी बीत गई. परंतु उत्तर प्रदेश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता अभी तक नहीं मिला है. जुलाई में समाजवादी पार्टी (सपा) से नाता तोड़कर वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन( एनडीए) में शामिल हुए थे. तब से ओपी राजभर योगी सरकार में मंत्री बनाने का इंतजार कर रहे हैं. उन यह धैर्य भी अब टूटने लगा है.

इसके चलते ही ओपी राजभर ने अब यह ऐलान किया है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के कई नेता उनके संपर्क में हैं. उन्हे किसके साथ रहना है और किसके साथ नहीं रहना है, इस पर वह जल्द फैसला लेंगे. यह दावा करते हुए राजभर नेताओं के मौजूदा आचरण को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होने कहा कि सभी नेता दो मुंहे सांप होते हैं. कब कौन कहां पलट जाएगा पता नहीं. और कोई भी पार्टी दूध की धुली नहीं है.

फिलहाल ओपी राजभर इस ऐलान को लेकर यह कहा जा रहा हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने यह दावा किया है. हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि राजभर पलटी भी मार सकते हैं. लेकिन इसकी संभावना कम ही है क्योंकि जल्दी ही सीएम योगी उन्हे अपने मंत्रिमंडल में जगह देंगे. वास्तव में ओपी राजभर को योगी सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं फिर से योगी सरकार में मंत्री बनाए जाने का वादा गत जुलाई में किया था. तभी से वह मंत्री बनाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

लेकिन सीएम योगी मंत्रिमंडल विस्तार की डेट ही तय नहीं कर रहे हैं. वही दूसरी तरफ ओपी राजभर ने बीते सितंबर और अक्टूबर में यह ऐलान किया था जल्दी ही वह योगी सरकार में मंत्री बनेगी. इसके चलते उन्होने यह भी कहा था कि वह विजयदशमी (दशहरा) में मंत्री बनेंगे. फिर उन्होंने कहा कि दिवाली के पहले मंत्री बन जाएंगे. अब दशहरा, दिवाली दोनों बीत गए पर ओपी राजभर मंत्री नहीं बने. तो इसकी वजह है सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यस्तता और राजनीति.

सीएम सचिवालय के अफसरों के अनुसार बीते दो माह के दौरान त्योहार आदि में सूबे की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद रखने के लिए तमाम समीक्षा बैठक सीएम ने की.विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने और अयोध्या में कैबिनेट की बैठक करने के अलावा दीपोत्सव के भव्य आयोजन कराने में भी सीएम योगी व्यस्त रहे.

इसलिए लिए हो रही देरी

योगी आदित्यनाथ देश के सबसे व्यस्त मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं. देश सबसे बड़े राज्य को संभालने के साथ ही उन्हे पांच राज्यों में हो रहे चुनाव प्रचार में भी जाना पड़ रहा है. बीते दो माह से सीएम योगी के हर दिन किसी ना किसी महत्वपूर्ण फैसला लेने का दिन रहा है. सीएम सचिवालय के अफसरों के अनुसार बीते दो माह के दौरान त्योहार आदि में सूबे की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद रखने के लिए तमाम समीक्षा बैठक सीएम ने की.विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने और अयोध्या में कैबिनेट की बैठक करने के अलावा दीपोत्सव के भव्य आयोजन कराने में भी सीएम योगी व्यस्त रहे.

अब रही बात सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की तो यह फैसला सीएम योगी को ही करना है. उन्हे जब उचित लगेगा तब मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे. वह किसी के दबाव में आकर तो मंत्रिमंडल विस्तार नहीं करेंगे. ओपी राजभर को यही बात सीएम योगी समझाना चाह रहे हैं, ताकि ओपी राजभर मीडिया में बार-बार अपने मंत्री बनाने की तारीख का ऐलान ना करें.

लेकिन ओपी राजभर अपनी राजनीति के तहत बयान दे रहे हैं तो सीएम योगी आदित्यनाथ भी अपनी ताकत और राजनीति का अहसास ओपी राजभर को करा रहे हैं. इसके चलते ही ओपी राजभर को मंत्री बनने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है और वह दबाव बनाने के लिए राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं.

— राजेंद्र कुमार

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