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माया को सलाह देना पड़ा महंगा, बसपा से निकले गए इमरान मसूद, कांग्रेस में होगी घर वापसी?

लखनऊ, अगस्त 29 (TNA) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम नेता इमरान मसूद का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती को सलाह देना भारी पड़ गया. इमरान मसूद ने मायावती को कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन करने के बाबत विचार करने की सलाह दी थी.

उनकी इस सलाह से नाराज होकर मायावती ने उन्हे बीते दिनों लखनऊ में हुई पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में नहीं बुलाया. इसके बाद मंगलवार को इमरान मसूद को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. इमरान मसूद पर अनुशासनहीनता करने का आरोप लगाते हुए उन्हे पार्टी से निकाला गया है.  

इमरान मसूद बीते विधानसभा चुनावों के दौरान बसपा में शामिल हुए थे. वह सहारनपुर की मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट से विधायक और सहारनपुर नगर पालिका के चेयरमैन भी रहे हैं. इमरान के चाचा रशीद मसूद बड़े नेता रहे और उनकी पहचान का लाभ अपने राजनीतिक करियर के शुरुआत में इमरान मसूद ने भी उठाया.

समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा टिकट ना दिए जाने पर वह सपा से नाता तोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. बीते विधानसभा चुनावों के पहले उन्होने कांग्रेस छोड़कर सपा के साथ जाने की कोशिश की थी, लेकिन अखिलेश यादव से कई दौर की बातचीत के बावजूद उनकी बात फाइनल नहीं हो पाई.

इसके बाद इमरान बसपा में शामिल हो गए. बसपा में इमरान मसूद की एंट्री को मायावती ने एक बहुत महत्व दिया था और इमरान को तुरंत चार मंडलों के प्रभारी बना दिया गया था. यही नहीं मायावती ने निकाय चुनाव में इमरान मसूद की भाभी खतीजा मसूद को मेयर का चुनाव लड़ाया था, लेकिन वो जीत दर्ज नहीं करा सकी थीं.

बताया जा रहा है कि निकाय चुनावों में बसपा का सहारनपुर जिले में प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा. और जिले में मुस्लिम समाज का सुझाव भी बसपा की तरफ होता नहीं दिख तो मायावती ने इमरान मसूद को पार्टी में साइडलाइन कर दिया. इसी दरमियान राहुल के बर्थडे पर उनकी बातचीत भी हुई थी. इमरान मसूद के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बड़े अच्छे रिश्ते हैं.

इसकी जानकारी मायावती को भी हुई. बताया जा रहा है कि मायावती ने राहुल से इमरान मसूद की बातचीत के बाद उनसे बात ही थी. तो इमरान ने उन्हे बताया था कि सूबे का मुस्लिम समाज यह चाहता है कि बसपा भी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े. इमरान की इस सलाह के बाद ही मायावती ने उन्हे पार्टी की बैठक में बुलाया नहीं और यह कहा जाने लगा कि अब जल्दी ही इमरान मसूद को बसपा से बाहर कर दिया जाएगा. मंगलवार को यह अटकल सही साबित हो गई.

इमरान का कहना है

बसपा से निकाले जाने के बाद इमरान मसूद क्या करेंगे ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बहन जी के आशीर्वाद से मैं इस पार्टी में आया था, लेकिन पार्टी के कुछ नेता हमेशा मुझे नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते थे. मेरे बयान देने पर रोक लगा दी गई थी. मैं पश्चिमी यूपी में घूम-घूम कर मुसलमानों और दलितों को जोड़ने में लगा था. मैं तो रामपुर तक पहुंच गया था, लेकिन बसपा के नेताओं ने बहन जी का काम भर कर इस पर रोक लगा दी. आगे क्या करना है अभी कुछ सोचा नहीं हैं. मैं चुनाव लड़ने वाला व्यक्ति हूं. अकेले सफल नहीं हो सकता. जाहिर है जल्दी ही किसी गठबंधन का हिस्सा बनूँगा. उनके इस कथन पर यह कहा जा रहा है कि इमरान मसूद की कांग्रेस में ही घर वापसी हो सकती है.

— राजेंद्र कुमार

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