मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के कार्यों की समीक्षा की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के कार्यों की समीक्षा की

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लखनऊ, नवम्बर 27 (TNA) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और अधिक प्रभावी और सक्षम बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फोर्स के लिए सभी 6 थानों और 8 यूनिटों में निरीक्षक, उपनिरीक्षक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, आरक्षी, सहित आवश्यक मैनपावर की स्थायी तैनाती और विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था शीघ्र पूरी की जाए।

योगी ने कहा कि एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की टीम को आधुनिक उपकरण, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और उन्नत तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित किया जाए, ताकि कार्यवाही तेज और सटीक हो सके। प्रस्तावित थानों के लिए न्यायालय आवंटन की प्रक्रिया बिना विलम्ब पूरी करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम मामलों की त्वरित सुनवाई और अपराधियों पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। उन्होंने एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के सभी थानों के लिए स्थायी भवन निर्माण किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि संसाधन और संरचना मजबूत होने के बाद कार्यवाही की गति और परिणामों में और वृद्धि होगी। प्रदेश अवैध ड्रग नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने की दिशा में अधिक सशक्त होगा। बैठक में अवगत कराया गया कि एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के गठन के बाद कार्यवाही में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2023 से 2025 के बीच 310 मुकदमें दर्ज हुए तथा 35,313 किलो अवैध मादक पदार्थ जब्त हुए और 883 तस्कर गिरफ्तार किए गए। जब्त सामग्री की अनुमानित कीमत 343 करोड़ रुपये से अधिक है।

समीक्षा के दौरान यह भी बताया गया कि सामान्य कार्यवाही के साथ-साथ बड़े नेटवर्क और माफियाओं पर प्रहार किए गए हैं। विगत 3 वर्षों में 2,61,391 किलो अवैध मादक पदार्थों का विधिसम्मत विनष्टीकरण किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 775 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निस्तारण प्रक्रिया नियमित और पारदर्शी ढंग से जारी रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अवैध ड्रग्स के खिलाफ संघर्ष केवल कानून-व्यवस्था का विषय नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। परिवारों, शैक्षणिक संस्थानों, नागरिक संगठनों और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि नशे की पहुंच युवाओं तक न हो। उन्होंने कहा कि अपराधियों को यह साफ संदेश मिलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में अवैध ड्रग कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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