महाकुंभ 2025 में विदेशों से आए अतिथियों को अक्षयवट के पत्तों का भेंट स्वरूप उपहार
प्रयागराज, दिसंबर 5 (TNA) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन होगा। इस बार, महाकुंभ के दौरान विदेश से आने वाले अतिविशिष्ट अतिथियों को एक विशेष और अद्वितीय उपहार दिया जाएगा, जो न केवल सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक होगा, बल्कि भारतीय धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ होगा। यह उपहार होंगे अक्षयवट के पवित्र पत्ते, जिन्हें विशेष रूप से तैयार की गई मूंज की डलियों में सजाकर भेंट दिया जाएगा।
अक्षयवट, जो कि हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और धार्मिक महत्व रखता है, को विशेष रूप से महाकुंभ में बहुत महत्व दिया जाता है। इसे अमरता का प्रतीक माना जाता है, और इसकी छांव में बैठने से आशीर्वाद मिलने की मान्यता है। महाकुंभ के दौरान, इन पत्तों को एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विदेश से आए अतिथियों को भेंट किया जाएगा, ताकि वे भारतीय संस्कृति और धार्मिकता की गहरी समझ पा सकें।
इस विशेष कार्य को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एनआरएलएम (नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन) के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जिम्मेदारी दी है। ये महिलाएं मूंज की डलियां तैयार करने का कार्य कर रही हैं, जो पत्तों को रखने के लिए उपयोग की जाएंगी। मूंज की डलियां पर्यावरण के अनुकूल हैं और भारतीय हस्तशिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
महिलाओं द्वारा तैयार की जा रही इन डलियों में अक्षयवट के पत्ते विदेश से आए अतिथियों को एक सम्मान के रूप में भेंट किए जाएंगे। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगी।
यह पहल महाकुंभ 2025 को और भी खास बनाने जा रही है, क्योंकि इसमें धार्मिकता, संस्कृति और महिलाओं के सशक्तिकरण का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। इसके जरिए भारत के प्राचीन धार्मिक मूल्यों को विदेशों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है।
— अवनीश कुमार

