एम्स, सफदरजंग अस्पताल के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स इमर्जेंसी ड्यूटी के बाद खाने गए परांठे, ढाबा मालिक से हुई बहस-मारपीट
नई दिल्ली || बुधवार देर रात एम्स और सफदरजंग अस्पताल के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। इसमें कई डॉक्टर्स को गंभीर चोटें आई हैं। एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन (आरडीए) का कहना है कि उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है।
डीसीपी साउथ अतुल ठाकुर ने कहा कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पिटाई का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि डीसीपी का ये भी कहना है कि डॉक्टर्स गौतम नगर के भगत सिंह वर्मा के ढ़ाबे पर पराठा खाने गए थे।
ये बात सामने आई है कि वहां पर डॉक्टर्स नशे में थे जिसके बाद उनका ढ़ाबे मालिक से किसी बात को लेकर बहस हुई जिसके बाद झगड़ा हो गया। बाद दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई जिसमें दो डॉक्टर्स और ढाबे मालिक का बेटा घायल हुए है।
उनमें से एक, डॉ सतीश ने पुलिस को बताया कि पराठा-विक्रेता गाली-गलौज करने लगा, बहस हुई और उसने मुझे थप्पड़ मार दिया। विवाद बढ़ गया और लगभग 30 लोग लोहे की छड़ लेकर आए। अगर पुलिस कहती है कि हमने शराब पी है, तो उनसे सबूत मांगें। "
वहीं इस मामले में पुलिस ने दो लोग जिसमें आत्मा राम गोयल और मनोज गोयल को गिरफ्तार किया है। डीसीपी साउथ अतुल ठाकुर ने बताया कि घटना की जांच जारी है। पुलिस को सीसीटीवी भी मिली है जिसमें डॉक्टर शराब पीते भी नज़र आ रहे है। अचानक डॉक्टर दुकानदार की पिटाई शुरू कर देते है।
एम्स आरडीए के प्रेजिडेंट डॉ. अमनदीप सिंह का कहना है कि जिन जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ मारपीट हुई है, उनकी इमरजेंसी ड्यूटी लगी थी। ड्यूटी खत्म करने के बाद रात को सभी एम्स के पास गौतम नगर में ढाबे पर परांठे खाने गए थे। इनके साथ सफदरजंग अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स भी आ गए। जब ये वहां पहुंचे तो ढाबे का मालिक कहने लगा कि डॉक्टर्स की वजह से कोरोना फैल रहा है। जहां डॉक्टर्स रहते हैं, उसके आसपास कोरोना के केस बढ़ गए हैं। इस पर जूनियर डॉक्टर्स और ढाबे के मालिक में बहस हो गई।
आरोप है कि ढाबे के मालिक ने लड़के बुला लिए, जिनके पास रॉड और डंडे थे। उन्होंने जूनियर डॉक्टर्स को पीटना शुरू कर दिया। कुछ डॉक्टर्स के सिर पर रॉड से हमला किया। उन्हें पांच से छह टांके आए हैं। किसी के पैर पर गंभीर चोट लगी है तो किसी की गर्दन में चोट है। हालांकि सभी जूनियर डॉक्टर्स खतरे से बाहर हैं।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि डॉक्टर्स के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त करने लायक नहीं, वे ड्यूटी कर रहे हैं, लोगों की जान बचा रहे हैं, कई-कई दिनों से परिवार से नहीं मिल पाते। वर्कलोड डबल है और रिलेक्स मिल नहीं पा रहा है। इसके बावजूद डॉक्टर्स के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं। डॉक्टर्स डे पर डॉक्टरों के साथ इस तरह का सलूक किया जा रहा है।