नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: पेट्रोल बहुत है, कम नहीं पड़ेगा, चल...

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: पेट्रोल बहुत है, कम नहीं पड़ेगा, चल...

आगरा के श्री जवाहर लाल खण्डेलवाल को करीब १६-१७ वर्ष की अवस्था में अपने एक आत्मीय के निवास पर बाबा जी को अपनी कार में बिठाकर उनके मनचाहे स्थान पर छोड़ने का शुभ-अवसर प्राप्त हो गया एक बार। जाड़े की रात थी, बाहर खूब ठंड थी । ग्यारह-साढ़े ग्यारह बजे होंगे तो आदेश मिला, चलो।

गाड़ी में पेट्रोल बहुत कम था रिजर्व में थी । बाबा जी बैठ गये तो जवाहर जी ने गाड़ी मोड़ी मन में सोचते कि पेट्रोल पम्प से तेल ले लूँ परन्तु बाबा जी ने टोक दिया, “कहाँ ले जा रहा है ? पेट्रोल बहुत है । कम नहीं पड़ेगा, चल ।” जवाहर जी क्या कहते और करते भी क्या यह पूछने के सिवा कि, “किधर चलूँ, महाराज?” उत्तर मिला, “जमुना पार ।”

पार पहुँचने पर शिकोहाबाद फिरोजाबाद रोड पर चलने की आज्ञा हुई काफी रफ्तार से गाड़ी चलाने पर भी आज्ञा होती रही “और तेज ।” फिरोजाबाद, शिकोहाबाद आदि सब निकल गये। इटावा भी आ गया तब १० कि० मी० और आगे पहुँचने पर आज्ञा हुई, “गाड़ी रोको ।” स्वयँ उतर गये, और जवाहर जी को आज्ञा दी, “अब तू जा । पीछे मुड़ कर न देखना । पेट्रोल कम न होगा ।” और ऐसा कह स्वयं निर्जन स्थान को चल दिये । सुबह के साढ़े चार-पाँच बज चुके थे ।

आज्ञानुसार जवाहर जी ने गाड़ी मोड़ी और वापिस चल दिये और बाबा जी की मनसा शक्ति से रिजर्व में आई गाड़ी बाबा जी को उतनी दूर पहुँचा कर जवाहर जी को भी पुनः उनके घर पहुँचा गई बिना पेट्रोल!!!

(स्मृति सुधा से)

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