बाबा कहते हैं…सोचिए धनवान सुखी या निर्धन?

बाबा कहते हैं…सोचिए धनवान सुखी या निर्धन?

जिंदगी के सफर में हम अकेले ही हैं। जीवन का रास्ता बहुत लंबा भी हो सकता है। हमें सभी प्रकार की घटनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए जो भाग्य हम पर फेंक सकता है। बहुत सारे लोग आएंगे हमारी जिंदगी में, कुछ दूर साथ चलकर निकल जायेंगे, अपनी किस्मत के पीछे। हमें अपने दिल में खुशी और प्यार के साथ साथ संघर्ष भी करते रहना चाहिए ।

हमें हृदय में दृढ़ता और मालिक के लिए आभार के साथ साथ जीवन की सभी चुनौतियों को पूरा करना चाहिए । जीवन सरल नहीं तो कठिन भी नहीं , ये तो हमारे जीने के नजरिए पर निर्भर करता है। किसी के पास मखमल का बिस्तर तो है पर उसे नींद नहीं है तो भी वो खुश नहीं है और दूसरी तरफ किसी के पास कोई बिस्तर नहीं है, धरती माता की गोद में ही लेटकर खर्राटे भरकर चैन की नींद सोता है। अब सोचिए धनवान सुखी या वो निर्धन !

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