सपा के लोक सभा चुनावों के 16 उम्मीदवारों की पहली सूची में परिवारवाद की झलक, डिंपल मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी

सपा के लोक सभा चुनावों के 16 उम्मीदवारों की पहली सूची में परिवारवाद की झलक, डिंपल मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी

लखनऊ, जनवरी 31 (TNA) समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करना शुरू कर दिया है. मंगलवार को अखिलेश के निर्देश पर पार्टी मुख्यालय से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 16 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सहित परिवार के दो अन्य सदस्यों का नाम है. डिंपल मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगी. परिवार के दो अन्य सदस्यों में से एक अक्षय यादव को फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है.

जबकि दूसरे सदस्य पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव हैं उन्हे फिर बदायूं सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है. फिलहाल सपा द्वारा जारी की गई 16 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में पीडीए (पिछड़े, दलित और मुस्लिम) फार्मूले की झलक मिल रही हैं. कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवारों की एकतरफा सूची जारी कर यह संदेश दिया है कि यूपी में सपा के नेतृत्व में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मोर्चा लिया जाएगा.

सपा की लिस्ट में एक भी ब्राह्मण नहीं

सपा द्वारा जारी की गई 16 उम्मीदवारों की सूची में एक भी ब्राह्मण प्रत्याशी का नाम ना होने पर आश्चर्य जताया जा रहा है. इस लिस्ट में चार यादव, चार कुर्मी, दो खत्री, दो मौर्य तथा एक मुस्लिम, एक राजपूत और एक निषाद समुदाय के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा गया है. अखिलेश यादव के बेहद नजदीकी माने जाने वाले आनंद भदौरिया को धौरहरा सीट से उम्मीदवार घोषित किए जाने को पार्टी के नेता पचा नहीं पा रहे हैं, उन्हे कमजोर उम्मीदवार बताया जा रहा है. इसी प्रकार लखनऊ सीट से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा को उम्मीदवार बनाए जाने को शहर के लोग केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिए वाकोवर मान रहे हैं.

वही संभल सीट से शफिकुर्ररहमान बर्क को चुनाव लड़ाये जाने पर भी आश्चर्य जताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि शफिकुर्ररहमान काफी बुजुर्ग हो गए हैं, उसके स्थान पर किसी अन्य को मौका दिया जाना चाहिए था. शायद उनके नाराज होने के भय से सपा मुखिया ने उन्हे चुनाव मैदान में उतारा है. ऐसे में अब संभल में तीखी चुनावी लड़ाई देखने को मिलेगी. फैजाबाद सीट से आठ बार के विधायक रहे जयशंकर मिश्रा के बजाय अवधेश प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा जाना अखिलेश यादव का पिछड़े, दलित और मुस्लिम समाज का वोट हासिल करने का दांव हैं.

अन्य दलों से आए नेताओं का रहा ध्यान

अखिलेश ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस से आए नेताओं को भी टिकट देने में कंजूसी नहीं की है. इसके तहत उन्होने कांग्रेस से सपा में आयी अनु टंडन को उन्नाव और बसपा ने सपा में आए लालजी वर्मा को अंबेडकर नगर से उम्मीदवार घोषित किया है. इसी प्रकार बस्ती से राम प्रसाद चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा गया है.

खीरी सीट से उत्कर्ष वर्मा और फर्रुखाबाद सीट से नवल किशोर शाक्य को पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर अखिलेश यादव ने यह साफ कर दिया है, यह सीटें वह कांग्रेस को नहीं देगी. इसके साथ ही गोरखपुर सीट से काजल निषाद को उम्मीदवार बनाकर वहां के चुनाव को भी अखिलेश यादव ने रोचक बना दिया है. सपा नेताओं का कहना है कि अब अगले माह अखिलेश यादव दूसरी लिस्ट जारी करेंगे. सपा ने यूपी की 62 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उनसे कांग्रेस को 11 और राष्ट्रीय लोकदल को सात सीटें चुनावी गठबंधन के तहत देने का फैसला किया है.  

सपा द्वारा घोषित किए प्रत्याशियों की सूची

संभल सीट से शफिकुर्ररहमान बर्क

फिरोजाबाद सीट से अक्षय यादव

मैनपुरी सीट से डिंपल यादव

एटा सीट से देवेश शाक्य

बंदायू सीट से धर्मेंद्र यादव,

खीरी सीट से उत्कर्ष वर्मा

धौरहरा सीट से आनंद भदौरिया

उन्नाव सीट से अन्नू टंडन

लखनऊ सीट से रविदास मेहरोत्रा

फर्रुखाबाद सीट से डॉ नवल किशोर शाक्य

अकबरपुर सीट से राजाराम पाल

बांदा सीट से शिवशंकर सिंह पटेल

फैजाबाद सीट से अवधेश प्रसाद

बस्ती सीट राम प्रसाद चौधरी

गोरखपुर सीट से काजल निषाद

— राजेंद्र कुमार

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