मैं ख़ुशनसीब हूँ...

मैं ख़ुशनसीब हूँ...

उषा भदौरिया/मुंबई, लेखिका Lt Col Shonu Bhadoria की माँ हैं

वो मुझसे प्यार करता है मैं ख़ुशनसीब हूँ,

खुशबु में रंग भरता है मैं खुश नसीब हूँ

होटों पे टाँक देता है लफ़्ज़ों की रौशनी,

ख़्वाबों सा फिर सँवरता है मैं खुशनसीब हूँ

रखता है अपने सामने बिठा के वो,

सब दूरियों से डरता है मैं खुशनसीब हूँ

रूठूँ अगर तो मुझ को मनाता है प्यार से,

खुशबु सा फिर बिखरता है मैं खुशनसीब हूँ

मैं उसको छू के करती हूँ ज़िंदा हरेक पल,

हर लम्हा जीता मरता है मैं खुशनसीब हूँ

आँखों को चूम कर मेरी क़िस्मत संवर गई,

तह से मेरी उभरता है मैं खुशनसीब हूँ

"ऊषा " उसी की यादों में डूबी हुई हूँ मैं,

वो मुझ को याद करता है मैं खुशनसीब हूँ

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