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उपलब्धियों को अपना मानने से ही अहंकार होता है: प्रेम भूषण महाराज
सुदिती ग्लोबल एकेडमी में श्रीराम कथा महोत्सव के आठवें दिन की कथा, पंडाल में कथा सुनने वाले राम भक्तों की उमड रही है भीड़।
मैनपुरी, अक्टूबर ७ (TNA) श्री राम कथा गायन के लिये सुविख्यात परम पूज्य प्रेमभूषण जी ने सुदिती ग्लोबल एकेडमी में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के आठवें दिन कथागायन शुरू हुआ तो पूरा पांडाल भक्ति के रस में डूब सा गया।
‘हम रामजी के रामजी हमारे है सेवा ट्रस्ट’ के बैनरतले कथागायन करने वाले प्रेममूर्ति श्री प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि मनुष्य किसी भी कार्य की सफलता को जब अपनी करनी मानता है, तभी अहंकार का जन्म होता है। अगर हम उसे भगवत कृपा मान लेते हैं तो हम अहंकार से अलग होकर संस्कार में प्रवेश करते हैं।
महाराज जी ने कहा परमार्थ की यात्रा अत्यन्त सरल है, केवल प्रयास करने की आवश्यकता होती है। इस क्रम में महाराज जी ने दर्जनों भजनों का गायन कर कथा पंडाल में उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।