खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की वेबिनार
उत्तर उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने फ़ूड प्रोसेसिंग पर आयोजित पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स की एक वेबिनार में उद्यमियों को जानकारी दी कि प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर एक नई महत्वपूर्ण पॉलिसी ला रही है जिससे सूक्ष्म से लेकर बड़े उद्योग तक व्यापक पैमाने पर लाभान्वित होंगे। इसके तहत बड़े उद्योगों को सौ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलना भी संभव होगा। पॉलिसी का मसौदा तैयार है और कुछ ही दिनों में मुख्यमंत्री द्वारा इसकी घोषणा संभव है।
उन्होने कहा भारत की 70% आबादी गांवों में रहती है जबकि अर्थव्यवस्था में उनका योगदान सिर्फ़ 27 प्रतिशत का है। सरकार किसानों की आमदनी मैं वृद्धि कर उनका यह योगदान बढ़ाने के हर संभव व पारदर्शी प्रयास कर रही है।
स्वाभाविक रूप से खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों के उत्पादों की लागत बढ़ाकर इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। आज प्रदेश में पैदा होने वाले खाद्यान्न का सिर्फ़ 6% भाग ही प्रसंस्कृत हो पाता है जिसे अगले पाँच सालों में 20% करने का लक्ष्य है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश की असीम संभावनाएं मौजूद हैं।
पीएचडी चेंबर की इस वेबिनार में खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव बी एल मीणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोल्ड चेन के अभाव में सालाना 70000 करोड़ रुपये का खाद्यान्न बर्बाद हो जाता है। इसके लिए प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर सब्सिडी स्कीम चला रही है। जिसके तहत दो मीट्रिक टन से ज़्यादा माल का परिवहन करने वाले उद्यमी 50 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी ऑपरेशन ग्रीन के तहत हासिल कर सकते हैं।
पीएचडी चेंबर के को-चेयरमैन मनीष खेमका ने सोलर एनर्जी की सुविधा को उद्योगों के लिए भी लागू करने की अधिकारियों से माँग की। जिससे कोल्ड स्टोरेज व अन्य खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के बिजली ख़र्च को घटाकर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगी बनाया जा सके। ग़ौरतलब है कि वर्तमान में औद्योगिक इकाइयों को सोलर एनर्जी के नेट मीटर लगाने की अनुमति नहीं है।
▪️फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की मेगा पॉलिसी की घोषणा जल्द।
▪️सूक्ष्म व बड़े उद्योगों को 100 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी संभव।
▪️पीएचडी चैम्बर की वेबिनार में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा व प्रमुख सचिव खाद्य प्रसंस्करण बी एल मीणा ने दी जानकारी।
▪️ कोल्ड चेन की कमी से उत्तरप्रदेश में सालाना 70000 करोड़ रुपये का अन्न होता है बर्बाद।
▪️ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उत्तरप्रदेश में 15000 करोड़ का हुआ निवेश। और 15000 करोड़ रुपये के निवेश की है तैयारी।
▪️प्रधानमंत्री किसानों सम्पदा योजना प्रदेश की सबसे सफलतम योजनाओं में एक। व्यापक पैमाने पर उद्यमियों लिए को मिल रहा है लाभ।
इस कारण उनके लिए सोलर प्लांट लगाना संभव नहीं। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने इस प्रश्न के जवाब में बताया कि यह माँग सरकार के समक्ष विचाराधीन है और जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय होने की संभावना है। उन्होंने अपने स्तर से भी जनहित के इस मुद्दे की पैरवी करने का भरोसा दिलाया।
पीएचडी चैंबर के उत्तर प्रदेश चैप्टर द्वारा आयोजित इस वेबिनार में उप्र सरकार के शीर्ष आईएएस अधिकारी आलोक सिन्हा व बी एल मीणा समेत खाद्य प्रसंस्करण विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. आर के सिंह, सन मेडिटेक एंड कंसल्टेंसी के आर पी त्रिवेदी, भारत सरकार के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक एच पी कुमार, पीएचडी चैंबर के पूर्व प्रेसिडेंट अनिल खेतान, को-चेयरमैन मनीष खेमका, सेक्रेटरी जनरल सौरभ सान्याल, प्रिंसिपल डायरेक्टर रंजीत मेहता, रेजीडेंट डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव व डॉमिनोज पिज़्ज़ा-जूबिलेंट समुह के अनिल मलिक प्रमुख रूप से मौजूद थे।