"सभी अपराधों के लिए हो ऑनलाइन एफ0आई0आर की सुविधा"

"सभी अपराधों के लिए हो ऑनलाइन एफ0आई0आर की सुविधा"

आगरा।। पुलिस थाने में सभी अपराधों के लिए ऑनलाइन प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ0आई0आर0) की व्यवस्था होनी चाहिये ताकि बिना किसी देरी के पारदर्शिता के साथ रिपोर्ट दर्ज हो सके और तथ्यों को कोई भी पक्षकार तोड़ मरोड़ ना सके। ऐसा करने से जहां अपराधियों को सजा दिलाने में सुविधा होगी वहीं दूसरी ओर बेगुनाहों को बिना कारण के आपराधिक मामलों में लिप्त नहीं कर सकेंगे।

ऐसी एफ0आई0आर0 के साथ फोटो, वीड़ियो और वाॅइस रिकाॅर्डिंग भी भेजे जाने की व्यवस्था होनी चाहिये। यह निष्कर्ष था वेबिनार का जो कि ऑनलाइन एफ0आई0आर0 के विषय को लेकर आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन व वी फाॅर आगरा द्वारा दिनांक 30.08.2020 को आयोजित की गई थी।

वेबिनार को शुरू करते हुए न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा ने क्रिमीनल प्रोसीजर कोड के प्राविधानों का संदर्भ देते हुए बताया कि वर्तमान में रिपोर्ट दर्ज कराने वाले को व्यक्तिगत रूप से थाने में जाना जरूरी है।

अनेक बार पीड़ित पक्ष घायल या मृतक अवस्था में होने की दशा में थाने जाने में देरी हो जाती है, अनेक बार पुलिस भी रिपोर्ट सही दर्ज नहीं करती है। डकैती को चोरी दिखा देती है, महिलाओं को थाने जाने में हिचक होती है, पुलिस के खराब रवैये व भ्रष्टाचार के मामले भी रिपोर्ट दर्ज कराने के समय सामने आ जाते हैं। इस लिहाज से ऑनलाइन एफ0आई0आर0 बड़ी सुविधा बन सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजयवीर सिंह जैन ने बताया कि सूरत में सी0सी0टी0वी0 कैमरा लगने से 27.5 प्रतिशत अपराधों में कमी आ गयी थी। टैक्नोलाॅजी का उपयोग ऑनलाइन एफ0आई0आर0 में करने पर रिपोर्ट स्थल और घटनाक्रम के अनुसार सही होंगी यदि उनके साथ फोटो और वीड़ियो भी उपलब्ध करा दी जायेगी।

रिपोर्ट दर्ज कराने में भी देरी नहीं होगी और रिपोर्ट न दर्ज होने के मामले शून्य हो जायेंगे। व्हाॅटसएप के द्वारा भी ऑनलाइन एफ0आई0आर0 की सुविधा होनी चाहिये। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 154 में संशोधन होना चाहिये ताकि ऑनलाइन सुविधा की शुरुआत हो सके। पुलिस व्यवस्था में भी सुधार की आवश्यकता है।

एडीएफ सचिव के0सी0 जैन अधिवक्ता ने भी बताया कि वर्तमान में उ0प्र0 में कुछ छोटे अपराधों के लिए ऑनलाइन एफ0आई0आर0 की सुविधा है लेकिन इसका विस्तार होना चाहिये। सभी आपराधिक मामलों में एफ0आई0आर0 ही मुख्य आधार होता है यदि एफ0आई0आर0 सही व जल्दी होगी तो उसमें कोई बनावट नहीं होगी जिससे आसानी से आपराधिक मुकदमें सही निर्णीत हो सकेंगे।

एडीएफ अध्यक्ष पूरन डाबर द्वारा कहा गया कि ऑनलाइन एफ0आई0आर0 के कारण फर्जी एफ0आई0आर0 ना हों उसे रोकने के लिए कड़े दण्ड का प्राविधान होना चाहिये। सेवानिवृत्त जज प्रवीन कुमार द्वारा भी ऑनलाइन एफ0आई0आर0 का समर्थन किया गया।

पूर्व अध्यक्ष नेशनल चैम्बर राजीव तिवारी द्वारा ऑनलाइन एफ0आई0आर0 की आवश्यकता पर्यटकों के लिये और अधिक है, यह कहा गया। पर्यटकों के पास सीमित समय होता है ऐसी स्थिति में थानों-थानों में भटकना और एफ0आई0आर0 में समय खराब करना उनके लिए सम्भव नहीं है। शारदा लाॅ काॅलेज ग्रेटर नोएडा के विधि विभाग के डीन प्रदीप कुलश्रेष्ठ द्वारा ऑनलाइन एफ0आई0आर को समय की आवश्यकता बताया गया।

वेबिनार में सम्मिलित सभी लोगों का यह भी मत था कि क्रिमीनल प्रोसीजर कोड में बदलाव होने चाहिये। न्यायिक एवं पुलिस व्यवस्था में सुधार होने चाहिये। लाॅ एण्ड ऑर्डर और आपराधिक घटनाओं की इनवेस्टिगेशन के लिए अलग अलग पुलिस व्यवस्था होनी चाहिये। वीड़ियो काॅन्फ्रेन्स के माध्यम से साक्ष्य रिकाॅर्ड होने चाहिये। झूठी एफ0आई0आर0 करने वालों के लिए कड़ा दण्ड होना चाहिये और जो निरपराध लोग आपराधिक मुकदमों में फंसा दिये जाते हैं उन्हें दोषमुक्त होने के बाद मुआवजा भी मिलना चाहिये।

आपराधिक मुकदमों में देरी होने से समाज को बड़ी क्षति हो रही है। सरकार को इन सभी विषयों पर पहल करनी चाहिये ताकि अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके और अपराधी दण्डित हों वेबिनार में राहुल जैन, प्रमोद अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, केशव शर्मा, शुभम सिंह एडवोकेट अमित आदि भी सम्मिलित थे।

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