मैनपुरी में पुलिस ने ढूँढ निकला 40 वर्ष पुराना हत्या का आरोपी, पकड़ कर भेजा जेल

मैनपुरी में पुलिस ने ढूँढ निकला 40 वर्ष पुराना हत्या का आरोपी, पकड़ कर भेजा जेल

किशनी || अपराधी कितना भी शातिर हो आखिर पुलिस के हत्थे चढ ही जाता है। उक्त कहावत तब सच हो गई जब थाना पुलिस ने 43 वर्ष पूर्व हुये चौहरे हत्याकाण्ड के आरोपी को दबोच कर सलाखों के पीछे लाकर खडा कर दिया। 

5 जून 1978 को जमीनी विवाद में थाना क्षेत्र के गांव नगला तारा में नामजदों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।गौरतलब है कि उक्त गोली काण्ड में मदन सिंह व महेन्द्र सिंह पुत्रगण विजय बहादुर, सरमन पुत्र तेज बहादुर तथा ललित पुत्र कौशलेन्द्र उर्फ नेकसे निवासीगण सकरा गढी की विपक्षी गणों द्वारा जिनमें रामकृपाल पुत्र बैजनाथ निवासी सकरागढी, राजनाथ पुत्र देवनाथ, सुरेन्द्र व यतेन्द्र पुत्रगण राजनाथ,गजेन्द्र पुत्र रामेश्वरदयाल निवासीगण नगला तारा तथा गोविन्द पुत्र सुखवासी निवासी हरदुआ थाना बेवर ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी।

उक्त सामूहिक हत्याकाण्ड के बाद सकरा गढी निवासी विजय बहादुर पुत्र सुघरलाल तिवारी ने थाने में उक्त छह आरोपियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया था।उक्त छह आरोपियों में से गोविन्द न्यायालय से दोषमुक्त करार दिये गये थे।जबकि 1981 में जनपद के न्यायालय ने पांचों को दोषी ठहराते हुये आजीवन कारावास की सजा सुना दी।सजा के उपरान्त पांचों ने उच्च न्यायालय में अपील कर दी जिसमें पांचों को जमानत मिल गई।इसके बाद वादी पक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली का रूख किया और वहां अपील की।

सुप्रीम कोर्ट ने जनपद के न्यायालय द्वारा दी गई सजा को सही माना और पांचों के खिलाफ वारण्ट जारी कर दिये गये। पुलिस ने दो अभियुक्तों राजनाथ तथा सुरेन्द्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जहां सजा काटते हुये केन्द्रीय कारागार फतेहगढ में दोनों की मृत्यु हो गई।जबकि तीन अभियुक्त रामकृपाल,यतेन्द्र व गजेन्द्र 1981 से ही अपनी चल अचल सम्पत्ति बेचकर लगातार फरार चलते रहे।

न्यायालय द्वारा हर बार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये दबाव डाला गया पर तीनों पुलिस के हाथ नहीं लग पाये।पुलिस द्वारा तीनों फरारियों पर दस दस हजार का इनाम भी रखा गया।पुलिस ने मुखबिरों का जाल फैलाया तो उसे पता चला कि अभियुक्त यतेन्द्र लखनऊ के किला मोहम्मदी,थाना आशियाना में घर बना कर रह रहा है।सूचना मिलते ही एसपी के आदेश पर सीओ भोगांव अमर बहादुर ने एक टीम तैयार की और लखनऊ जाकर उक्त 

यतेन्द्र त्रिपाठी पुत्र राजनाथ निवासी नगला तारा को हिरासत में लेकर ट्रांजिट वारण्ट के साथ थाने ले आये।जबकि अभी भी दो अभियुक्तों का पुलिस को कहीं अता पता नहीं चला है।थानाध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि वह कोशिश में हैं कि जल्दी ही बाकी के अभियुक्त भी जेल भेजे जाएंगे।

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