योगी सरकार माटी कला को प्रोत्साहन दे मुहैया कराएगी रोजगार, एक लाख से अधिक गांवों में बनेंगे मिट्टी के बर्तन और खिलौने

योगी सरकार माटी कला को प्रोत्साहन दे मुहैया कराएगी रोजगार, एक लाख से अधिक गांवों में बनेंगे मिट्टी के बर्तन और खिलौने

लखनऊ, अगस्त 17 (TNA) जैसे जैसे लोकसभा नजदीक आ रहे सूबे की योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में हूनरमंद लोगों को रोजगार मुहैया कराने में जुट गई है। इसके तहत माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (एमएसएमई) को अपने कारोबार को बढ़ाने या नया उद्यम शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में योगी सरकार ने अब ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के लिए लोक कलाओं और ग्रामीण परंपराओं को प्रश्रय देने के साथ ही माटी कला (मिट्टी के उत्पाद) को बढ़ावा देने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि सूबे के हर गांव में लोक कलाओं के जानकारों को रोजगार मिले. इसी सोच के तहत सूबे में माटी कला को बढ़ावा देने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रही उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड को सरकार ने 8.33 करोड़ रुपए की धनराशि मुहैया करने के निर्देश दिया है। सरकार का निर्देश होते ही कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग निदेशालय ने माटी कला बोर्ड को उक्त धनराशि स्वीकृत कर दी है।

सरकार के इस फैसले से अब राज्य के हर गांव में मिट्टी से बर्तन, खिलौने, मूर्तियां बनाने के कार्य में लगे लोगों को अपना रोजगार करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा हर गांव में मिट्टी से खिलौने, मूर्तियां और बर्तन बनाने के कार्य में लगे लोगों के उत्पाद खरीदने वाले के लिए बाजार उपलब्ध होगा और हर गांव में लोगों को रोजगार भी मिलेगा. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी से बर्तन, खिलौने, मूर्तियां बनाने के कार्य करने वाले परिवारों के युवकों को भी रोजगार मुहैया कराने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर माटी कला बोर्ड ने सूबे में माटी कला को बढ़ावा देने के विस्तृत कार्ययोजना सौंपी थी।

इस कार्ययोजना को लागू करने के लिए माटी कला बोर्ड ने दस करोड़ रुपए उपलब्ध कराएं जान का आग्रह सरकार से किया था। प्रदेश की सरकार ने उक्त धनराशि माटी कला बोर्ड को उपलब्ध कराएं जाने पर रजामंदी जताते हुए बोर्ड को 1.66 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति बीते साल ही प्रदान कर दी गई. लेकिन शेष बची धनराशि बोर्ड को उपलब्ध कराने में विलंब हुआ।

इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को हुई तो उन्होंने बोर्ड को शेष धनराशि मुहैया कराने के लिए कहा। इसके बाद त्वरित गति से माटी कला बोर्ड को शेष बची धनराशि को मुहैया कराने की फाइल ओके हो गई। अधिकारियों का कहना है उक्त धनराशि के जरिए गांव-गांव में माटी कला के उत्पाद (मूर्तियां, बर्तन, खिलौने) बनाने वाले हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

माटीकला के शिल्प गढ़ेंगे यूपी की नई पहचान :

सूबे के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश के गांवों में मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मूर्तियाँ बनाने हजारों हजार लोग हैं, लेकिन उनके बनाए उत्पादों को शहरों में शहर में बेचने की व्यवस्था बेहतर नहीं है। जिसके माटी कला के उत्पाद बनाने वाले लोग अन्य कार्य करने को मजबूर हो रहे थे. जबकि इन हुनरमंदों के बनाए माटी कला के उत्पाद सभी का मन मोहने वाले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों के पहले ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए माटी कला बोर्ड के पदाधिकारियों ध्यान देने को कहा है।

जिसके चलते बोर्ड को धनराशि मुहैया कराते हुए अब गांवों मे माटी कला के शिल्पियों के हुनर को निखारने के साथ ही उन्हे पुरस्कृत करने का आदेश दिया गया है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के हर गांव में माटी कला के 20 जानकारों को रोजगार मुहैया कराया जाए।

राज्य में एक लाख से अधिक गांव है और अब सीएम योगी की योजना के तहत हर गांव में माटी कला के दस शिल्पकारों को माटी कला के उत्पाद बनाने के कर्ज मुहैया कराया जाएगा और उनके बनाए गए उत्पादों की बिक्री का प्रबंध माटी कला बोर्ड करेगा। कहा जा रहा सरकार के इस प्रयास से प्रदेश के माटी शिल्पियों की धाक न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में गूंजेगी और माटीकला प्रदेश की नई पहचान गढ़ेगी।

— राजेंद्र कुमार

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