यूपीसीडा की अनोखी पहल के चलते सौर्य ऊर्जा मार्ग से चमकेगा साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र
कानपुर, जून 25 (TNA) उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में छह किलोमीटर लंबे सौर्य ऊर्जा मार्ग के सुंदरीकरण और आधुनिकीकरण की योजना शुरू की है। यह परियोजना क्षेत्र को हरित, सुरक्षित और स्मार्ट शहरी कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
परियोजना के अंतर्गत मार्ग के दोनों ओर हरियाली, सोलर स्ट्रीट लाइटिंग, प्रतीकात्मक मूर्तियाँ, दिव्यांगजन-अनुकूल फुटपाथ, फूड वेंडिंग ज़ोन, पर्गोला संरचनाएं, कूड़ेदान और साइनेज लगाए जाएंगे। मार्ग के किनारे और मध्य में अमलतास, गुलमोहर, फाइकस जैसे वृक्ष तथा ड्यूरांटा और वेडेलिया जैसे ग्राउंड कवर पौधे लगाए जाएंगे, जो वायु शुद्धिकरण और धूल नियंत्रण में मदद करेंगे।
सौर ऊर्जा आधारित एलईडी लाइटिंग से कार्बन उत्सर्जन में 85 प्रतिशत तक की कमी आएगी। फुटपाथों पर टैक्टाइल पाथवे, विश्राम के लिए बेंच और हर 500 मीटर पर पर्गोला संरचनाएं बनाई जाएंगी। प्रत्येक एक किलोमीटर पर क्षेत्र की औद्योगिक पहचान को दर्शाने वाली थीम आधारित मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी।
फूड विक्रेताओं के लिए तय स्थानों पर फूड वेंडिंग ज़ोन विकसित किए जाएंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। प्रमुख स्थलों पर खुले पार्किंग स्थल भी तैयार किए जाएंगे। पूरे मार्ग पर स्मार्ट डस्टबिन और दिशा संकेतक लगाए जाएंगे, जिससे साफ-सफाई और सूचना व्यवस्था बेहतर होगी।
परियोजना की अनुमानित लागत सात करोड़ रुपये है। इसमें दो करोड़ रुपये सिविल कार्यों पर, एक करोड़ रुपये हरियाली और लैंडस्केपिंग पर, तथा चार करोड़ रुपये विद्युत और लाइटिंग व्यवस्था पर खर्च किए जाएंगे। परियोजना की गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए पांच वर्षों का अनुरक्षण अनुबंध प्रस्तावित है।
इस पहल से पर्यावरणीय सुधार के साथ-साथ नागरिकों और श्रमिकों को सुरक्षित व सुविधा युक्त वातावरण मिलेगा। तापमान में तीन डिग्री तक की कमी और धूल स्तर में 60 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। साथ ही, फूड वेंडिंग ज़ोन से स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के नए अवसर भी खुलेंगे।
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा कि यह परियोजना केवल अधोसंरचना विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश को पर्यावरणीय रूप से सशक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह स्मार्ट और हरित औद्योगिक विकास की ओर एक नई शुरुआत है।