राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ का दशम दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ का दशम दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

लखनऊ, फरवरी 13 (TNA) भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बतौर मुख्य अतिथि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के दसवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता सोमवार को की। राष्ट्रपति द्वारा कुल 10 विद्यार्थियों को पदक, 2 आर0 डी0 सोनकर अवार्ड तथा 3808 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयी।

वर्ष 2021 के लिए परास्नातक के पॉलिटिकल साइंस के विद्यार्थी दिलीप वर्मा और सत्र 2022 के लिए एम0 ए0 हिस्ट्री के अमरदीप कुमार बादल को आर0 डी0 सोनकर पुरस्कार दिया गया। सत्र 2021 के स्नातक के दो टॉपर्स- बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी की आराध्या श्रीवास्तव (ओपन कैटेगरी) और बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी की रिया गौतम को आरक्षित श्रेणी में गोल्ड मेडल दिया गया।

सत्र 2022 में स्नातक के दो टॉपर्स - बी0 वॉक, फ्लोरीकल्चर एंड लैंडस्केप गार्डेनिंग के आर्य अरुण कुमार को ओपन कैटेगरी तथा बीटेक कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के सुरजीत कुमार को आरक्षित श्रेणी में मेडल प्रदान किया गया। सत्र 2021 के परास्नातक के दो टॉपर्स एमएससी साइबर सिक्योरिटी से संजय एम0 तरडे को ओपन कैटेगरी और एमएससी (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर की सोनम मीणा को आरक्षित श्रेणी में मेडल प्रदान किया गया।

सत्र 2022 के दो परास्नातक टॉपर्स में एमएससी (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर की शैली को ओपन कैटेगरी और एमएससी (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर की कुमारी दीक्षा संघ मित्रा को आरक्षित श्रेणी में मेडल प्रदान किया गया। इस वर्ष दो सत्र के मेधावियों को, सत्र 2021 और सत्र 2022 के मेधावियों को उपाधि प्रदान की गयी। उन्होंने मेडल और उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए विशेष है आज के दिन के लिए विद्यार्थी कठिन परिश्रम करते हैं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले मेधावियों में 60 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है, मैं इन बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अपने लक्ष्य पर अडिग रहने तथा लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि बाबासाहेब का पूरा जीवन संघर्षों से भरा था मगर फिर भी कठिन परिश्रम और मूल्य आधारित जीवन शैली अपनाकर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और आज समाज उन्हें भारत के संविधान शिल्पी के रूप में याद करता है। उनके जीवन और सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए, उनके दिखाए मार्ग पर चलकर विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्य साध, सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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