एनएमडीसी ने लैंडस्केप गार्डन में स्वच्छता 2.0 के हिस्से के रूप में दो बाघों को गोद लिया

एनएमडीसी ने लैंडस्केप गार्डन में स्वच्छता 2.0 के हिस्से के रूप में दो बाघों को गोद लिया

हैदराबाद, अक्तूबर 28 (TNA) एनएमडीसी भारत का पर्यावरण के अनुकूल एक खनिक और देश के लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक है। एनएमडीसी ने 27 अक्टूबर, 2022 को नेहरू जूलॉजिकल पार्क, हैदराबाद में लैंडस्केप गार्डन में पौधा रोपण का आयोजन किया और दो बाघों - एक रॉयल बंगाल टाइगर और एक व्हाइट टाइगर को गोद लिया।

एनएमडीसी पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास में लगातार अग्रणी रहा है। स्वच्छता 2.0 के हिस्से के रूप में कंपनी ने देश के वनस्पतियों और जीवों को संरक्षित करने में मदद करने के लिए संरक्षण से जुड़े अनेक प्रयास शुरू किए हैं। 2 अक्टूबर, 2022 को स्वच्छता अभियान की शुरुआत के बाद से एनएमडीसी ने स्वच्छ भारत अभियान के महत्व पर कई स्वच्छता अभियान, पौधा रोपण अभियान, प्रभात फेरी, स्वच्छता रन और जागरूकता अभियान चलाए हैं। चिड़ियाघर में पौधा रोपण अभियान एनएमडीसी के संसाधन योजना विभाग के पर्यावरण डिवीजन के दिमाग की उपज है और जैव-विविधता के संरक्षण से जुड़े प्रयासों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।

एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुमित देब, निदेशक (वित्त) अमिताभ मुखर्जी, नेहरू जूलॉजिकल पार्क के क्यूरेटर (डीसीएफ) एस. राजशेखर और एनएमडीसी, नेहरू जूलॉजिकल पार्क और तेलंगाना सरकार के वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में पौधा रोपण और बाढ़ को गोद लेने का अभियान चलाया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए देब ने कहा कि एनएमडीसी हमेशा एक जिम्मेदार खनिक रहा है और लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्र के खनिक के रूप में, एनएमडीसी लोगों के हितों की रक्षा करने और धरती को को बेहतर और टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व रखता है। उन्होंने कहा कि शानदार रॉयल बंगाल टाइगर हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है और व्हाइट टाइगर एक दुर्लभ प्रजाति है। यह नोट करना अनिवार्य है कि जैव-विविधता लोगों और धरती के लिए स्थिरता में कितनी महत्वपूर्ण है। स्वच्छ 2.0 के माध्यम से धरती को संरक्षित करने के हमारे प्रयासों के हिस्से के रूप में, हम इन दो बाघों को गोद लेकर जैव-विविधता के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने की संभावना देखते हैं।

अमिताभ मुखर्जी ने कहा कि एक सतत भविष्य के लिए जैव-विविधता के नुकसान को रोकने के साथ-साथ मरुभूमि बनने की स्थिति से निपटने और वनों के प्रबंधन की दिशा में समग्र प्रयासों की आवश्यकता है। एनएमडीसी का मानना है कि हमारे आज के कार्य राष्ट्र के भविष्य का निर्धारण करेंगे और हम नेहरू प्राणी उद्यान में पौधा रोपण तथा बाघों को गोद लेने की पहल का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। बाघों को गोद लेने और पौधा रोपण अभियान के बाद चिड़ियाघर का दौरा किया गया।

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