डस्टबिन में गिरी मासूम ज़िंदगी: कानपुर के अस्पताल की लापरवाही ने छीनी नवजात की पहली सांस

डस्टबिन में गिरी मासूम ज़िंदगी: कानपुर के अस्पताल की लापरवाही ने छीनी नवजात की पहली सांस

1 min read

कानपुर देहात, मई 30 (TNA) यह सिर्फ एक लापरवाही नहीं, एक मासूम की जिंदगी से खेल था। मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में एक नवजात की पहली सांसें गंदगी से भरे डस्टबिन में टूट गईं, क्योंकि जिन हाथों से उसे जिंदगी मिलनी थी, वे नींद में सोए थे। रूरा थाना क्षेत्र के प्रेमाधाम कारी-कलवारी निवासी सुनील नायक अपनी प्रसव पीड़ित पत्नी सरिता को आधी रात अस्पताल लेकर पहुंचे। वार्ड में भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन वहां से संवेदना जैसे लापता थी। रात लगभग दो बजे सरिता को प्रसव हुआ। कोई डॉक्टर नहीं, कोई नर्स नहीं। मां ओमवती ने चीख-चीख कर स्टाफ को जगाने की कोशिश की, मगर सब बेखबर नींद में डूबे थे।

प्रसव के तुरंत बाद नवजात बेड के किनारे रखे डस्टबिन में जा गिरा। यह दृश्य न सिर्फ मां के लिए, बल्कि हर संवेदनशील दिल के लिए किसी सदमे से कम नहीं। जैसे-तैसे बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन जिंदगी ने साथ छोड़ दिया। सुबह दस बजे मासूम ने दम तोड़ दिया। परिवार का आरोप है कि स्टाफ ने पूरे मामले को दबाने की कोशिश की। दोपहर में बिना किसी संवेदना के मौत का प्रमाणपत्र थमाया गया और शव ले जाने को कहा गया। सुनील ने जब पुलिस को सूचना दी, तब जाकर मामला उजागर हुआ।

वही पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सज्जन लाल वर्मा ने बताया है कि जांच में सामने आया कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर रश्मि पाल और स्टाफ नर्स प्रियंका सचान अस्पताल में उपस्थित ही नहीं थीं। जांच समिति ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए निलंबन की संस्तुति की है। दोनों की बर्खास्तगी के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

Related Stories

No stories found.
logo
The News Agency
www.thenewsagency.in