नोएडा को 'मनहूस' शहर का तमगा अफसरशाही की देन : योगी

नोएडा को 'मनहूस' शहर का तमगा अफसरशाही की देन : योगी

लखनऊ, अगस्त 29 (TNA) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल सूबे की सत्ता पर काबिज बड़े नौकरशाहों के खिलाफ सख्ती करते हुए दिखने लगे हैं. यहीं वजह है कि वह सरकारी काम काज में सुस्ती दिखने वाले अफसरों को एक ही झटके में वेटिंग में डालने का आदेश दे देते हैं. इसके साथ ही अब सीएम योगी ने सूबे के नौकरशाहों के कारनामों को उजागर करना भी शुरू कर दिया है.

इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के प्रमुख औद्योगिक संगठन फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह दावा किया कि नोएडा, आगरा और बिजनौर को 'मनहूस' शहर का तमगा अफसरशाही की ही देन है. मुख्यमंत्री योगी के इस कथन का करोड़ों-अरबों रुपए का कारोबार करने वाले देश के बड़े कारोबारियों के तालियाँ बजाकर समर्थन किया.

फिक्की से जुड़े देश के प्रमुख उद्योगपतियों जिन्होने नोएडा में अपना उद्योग स्थापित करने के दौरान नौकरशाहों के मनमाने आदेश माने थे। उनके ताली बजाकर सीएम योगी के कथन का समर्थन करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि नौकरशाहों के लिए नोएडा हजारों करोड़ की लूट का अड्डा बना था. यहां मुख्यमंत्री ना आए इसलिए नोएडा को मनहूस को बताकर दूर रखा जाता था.

यह दावा करने के बाद सीएम योगी ने कहा कि इस मिथक को मैंने यह कहते हुए तोड़ा कि मैं कुर्सी पर जिंदगी भर के लिए बैठने नहीं आया हूं. अगर नोएडा जाने मात्र से मुख्यमंत्री की कुर्सी कल जाती हो तो आज चली जाए लेकिन वह नोएडा जाकर रहेंगे. नतीजा सामने है कि एक मरता हुआ शहर आज जीवंत हो उठा है. इसी रौ में सीएम योगी ने देश के बड़े उद्योगपतियों को बताया कि आगरा के सर्किट हाउस में भूत का खौफ दिखाकर रुकने नहीं दिया जाता था.

अफसरों को उन्हे बताया था वह आगरा के सर्किट हाउस में ही ठहरेंगे और भूतों के साथ संवाद करेंगे. इस मिथ को तोड़ने के लिए मैं आगरा के सर्किट हाउस में रात को रुका और भूतों की चहलकदमी का मिथ तोड़ा. इसी तरह बिजनौर के बारे में अफवाह उड़ा रखी थी कि वहां रात में सीएम का ठहरना अशुभ है. इस मिथ को भी हमने वहां रात बिताकर खत्म किया.

अब यूपी के नौकरशाह किसी शहर को मनहूस नहीं कहते

अफसरों के ऐसे कारनामों को उजागर करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीच के एक कालखंड को घोर अंधकार का युग कह सकते हैं.  इस दौर ने उत्तर प्रदेश को एक बीमारू राज्य के रूप में बदल दिया था. न केवल प्रदेश बल्कि यहां के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था. नई इंडस्ट्री तो छोड़िए पुरानी इंडस्ट्री भी यूपी से जाने की तैयारी में थी. माफियाओं का कब्जा था.

आज ना तो किसी उद्यमी के पास फिरौती के लिए किसी में फोन करने का दम है और न ही कोई किसी फैक्ट्री को बंद करने की धमकी दे सकता है. रोचक बात यह भी है कि अब यूपी का कोई नौकरशाह सूबे के किसी शहर को 'मनहूस' शहर का तमगा नहीं देता. यही वजह है कि आज उत्तर प्रदेश तेजी से विकसित राज्यों की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है. और इसकी गति को तेज करने के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों को सरकार के साथ आना चाहिए. यूपी में अपने उद्योग स्थापित करने चाहिए.

सीएम योगी का दावा :

- प्रदेश का निर्यात करीब दो लाख करोड़ रुपये पहुंच गया

- प्रदेश ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरा स्थान हासिल किया

- सरकार बैंक का जमा-ऋण अनुपात 60 फीसदी तक ले जाएगी

- एमएसएमई और ओडीओपी ने तैयार किया देश में नया बाजार

- पिछली सरकारों में नौकरशाही के बैरियर ने प्रदेश के विकास को बाधित किया

— राजेंद्र कुमार

Related Stories

No stories found.
logo
The News Agency
www.thenewsagency.in