लखनऊ में स्वाधीनता दिवस से पहली बार एक अनूठा मिलिट्री कल्चरल और लिटरेरी फेस्टिवल
लखनऊ शहर में स्वाधीनता दिवस से पहली बार एक अनूठा मिलिट्री कल्चरल और लिटरेरी फेस्टिवल हो रहा है जिसमें देश विदेश के जानेमाने लेखक और रक्षा विशेषज्ञ और पत्रकार भाग ले रहे है। मिलिट्री लिटरेचर और कल्चरल फाउंडेशन, जिसका हाल में गठन हुआ है , द्वारा आयोजित फेस्टिवल में जानेमाने लेखक मेहरू जाफर, डा रोजी लेवलिन जोन, यासिका हटवाल और ईस्ट्राइन कीरे आदि हैं।
मिलिट्री लिटरेरी कल्चरल फाउंडेशन के अध्यक्ष मेजर जनरल हेमंत सिंह के अनुसार यह फेस्टिवल आजादी, बलिदान ,मुक्ति, और सम्मान की भावना को समर्पित रहेगा। कोरोना काल की वजह से पहले के 20 सत्र जो 15 अगस्त से लेकर 29 अगस्त तक जूम के जरिए होंगे। इस बात का ध्यान रखा गया है कि फेस्टिवल के सभी सत्र सप्ताह के अंत में ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को भागीदारी हो सके। इस बात का भी प्रयास हो रहा है की छात्र और छात्राएं भी फेस्टिवल में भाग ले सकें।
लखनऊ में होनेवाले पहले मिलिट्री लिटरेरी और कल्चरल फेस्टिवल में जो मुद्दे शामिल हैं उसमें लिटरेचर, कल्चर, जियो पॉलिटिक्स, एडवेंचर, हेल्थ, स्ट्रेटजी, और आउटरीच इवेंट्स , और कॉमोरेशन हैं।
इन मुद्दों पर बातचीत करने।के।लिए और अपने अनुभव साझा करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर यादव, लेफ्टिनेंट जनरल मिलन नायडू जिन्हौने अभी हाल में बहुत चर्चित किताब निजाम ए भोपाल_ मिलिट्री ऑफ भोपाल स्टेट लिखी।है । और भी बहुत सेना अधिकारी व वरिष्ठ पत्रकार भाग ले रहें।
इस फेस्टिवल में एक खास सत्र है जो प्रमुखता से सिक्योरिटी और मिलिट्री मैनेजमेंट और वार पत्रकारिता भी है जिसमें मिलिट्री और सिविलियन लोग वरिष्ठ पत्रकार भी रहेंगे, मेजर जनरल हेमंत सिंह ने बताया। साथ ही साथ इस फेस्टिवल में पुलित्जर अवार्ड से सम्मानित रिक एटकिंसन, कांग्रेस के नेता और लेखक शशि थरूर और जानेमाने इतिहासकार विलियम डालरिंपल के भी भाग लेने की संभावना है।
मेजर जनरल हेमंत सिंह ने बताया कि पहले 20 सत्र तो जूम के जरिए हो रहे हैं लेकिन नवंबर और दिसंबर मैं व्यापक जनता के बीच 1971 के युद्ध के 50 साल को याद करने के लिए दास्तांगोई और परमवीर चक्र नाटक का मंचन प्रस्तावित है।