4 अगस्त: बोन एंड ज्वाइंट दिन
मानव शरीर की रचना ईश्वर द्वारा इस प्रकार की गई है उसके हर अंग की एक उपयोगिता होती है| बोन और जॉइंट भी शरीर के वह अंग है जिसके सहारे हम ना केवल खड़े होते हैं ,चलते हैं या शरीर को मूवमेंट करते हैं |ऐसा अगर हम सोचे कि यह अंग हमारे कम काम आता है तो ऐसा सोचना गलत होगा | जब उम्र बढ़ती है तो शरीर के हर अंग में शिथिलता आती है या वह कमजोर हो जाती है| आज हम 4 अगस्त को इसी बोन एंड ज्वाइंट के विषय पर बात करेंगे जो प्रतिवर्ष बोन और जॉइंट की कमजोर ना हो और वह अपना काम सुचारू रूप से करें इसी की जागरूकता के लिए यह आज का दिन मनाया जाता है|
पुराने जमाने में शुद्ध व पौष्टिक खान पान व शारीरिक वर्जिश के माध्यम से बोन और जॉइंट के कमजोर होने की समस्या एक उम्र बाद आती थी परंतु अब वो शुद्ध व पौष्टिक खाना नही रहा है और खान पीन की शैली में परिवर्तन भी आया है व शारीरिक श्रम ना करने के कारण बोन व जॉइंट में दर्द होना या जल्दी टूटना और एक आम समस्या घुटने में दर्द होना बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक में पैदा हो रही है|
रहने के लिए पहले खुले वातावरण में घर होते थे जिसमें हर तरफ से हवा और सूर्य की रोशनी आती थी जिससे आदमी की ऑक्सीजन और विटामिन डी की कमी नहीं रहती थी |अब मकान एक इस तरीके से बनने लगे व लोगों को फ्लैट में रहने के बढ़ावे ने धूप से संपर्क लगभग टूट सा गया है इसलिए शरीर में विटामिन डी की कमी व शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है| कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से ही हड्डियां कमजोर होती है जिससे आज हल्की सी भी धमकियां या चोट लगने से हड्डी में फैक्चर हो जाता है या ऑर्थो इराइटिस जैसी समस्या जो किसी जमाने में 60 वर्ष के बाद होती थी अब वह युवावस्था में भी देखी जाने लगी है|
भागदौड़ की जिंदगी और रहने के तरीके में इतना परिवर्तन आ गया है कि अब ना तो महिलाएं ही धूप में बैठकर स्वेटर पापड़ बड़ी आदि बनाती हैं |नाही मर्द चौपाल में बैठकर चोपड़ और कैरम खेलते हैं |आज अगर उन्हें समय मिलता है तो वह किसी क्लब हाउस में जाकर फिर अपने आप को एक कमरे में बंद कर लेते हैं और हर वकत एसी और कूलर में रहना भी मनुष्य के स्वास्थ्य पर काफी असर डालता है|
चिकित्सकों की राय के अनुसार हर मनुष्य को कम से कम 30 मिनट की धूप का आनंद लेने से वह विटामिन डी की कमी को आसानी से पूरा कर सकता है| साथ ही उनका यह भी कहना है कि आज हमें फास्ट फूड जैसे खाने की शैली को परिवर्तन करना पड़ेगा वापस पुराने समय में जिस प्रकार दूध ,दही,या दूध से बने अन्य उत्पादन लेने से कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है|
महिलाओं में मीनोपॉज के बाद कैल्शियम की कमी होने लगती है| इसलिए मीनोपॉज के बाद महिलाओं को अपने खाने पीने पर व कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए तमाम तरह के पौष्टिक आहार को अपने भोजन में सम्मिलित करना चाहिए तभी वह ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से ना केवल निजात पाएंगी बल्कि फैक्चर होने की स्थिति को भी रोक पाएंगे|
इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन 1 अगस्त से 7 अगस्त तक इसके लिए सप्ताह भर जागरूक शिविरों का आयोजन करता है, और 4 अगस्त को राष्ट्रीय बोन एंड ज्वाइंट दिवस के रूप में मनाया जाता है हर अस्थि रोग विशेषज्ञ अपने अपने तरीके से अपने मरीजों को अस्थियों की देखभाल की हिदायत देते हैं परंतु इस पूरे वीक वह इसे अपनी जिम्मेदारी मांगते हुए सभी जनता के बीच जागरूक करते हैं और चार दिवस को अनेक प्रकार से इस दिवस को मना कर मानव को स्वस्थ जीवन प्रदान करते हैं|
--राजीव गुप्ता/आगरा