मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व

मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व

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मौनी अमावस्या का हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र और शुभ महत्व है। यह दिन आत्मशुद्धि, ध्यान और मौन व्रत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व

गंगा स्नान का महत्व – माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है।

मौन व्रत – इस दिन मौन रहकर आत्मचिंतन करने से मन शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

दान-पुण्य – इस दिन अन्न, वस्त्र और गौदान का विशेष महत्व होता है, जिससे पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

संगम पर देवताओं का आगमन – मान्यता है कि इस दिन स्वयं देवता संगम स्नान करने आते हैं, जिससे इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

सूर्य-चंद्रमा की विशेष स्थिति – माघ मास में सूर्य मकर राशि में और चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होते हैं, जो इस दिन को और भी शुभ बनाते हैं।

क्या करें इस दिन?

गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।

मौन व्रत का पालन करें और ध्यान करें।

भगवान विष्णु और शिवजी का पूजन करें।

गरीबों और जरुरतमंदों को दान दें।

गाय को हरा चारा खिलाएं और पक्षियों को दाना डालें।

इस दिव्य अवसर पर माँ गंगम्मा और समस्त देवी-देवताओं का स्मरण करके आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हों। हर हर गंगे!🌺🚩

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