मुलायम की तर्ज पर अखिलेश ने दिखाए जुझारू तेवर, गेट फांदकर अखिलेश यादव ने जेपी की मूर्ति पर चढ़ाई माला

 मुलायम की तर्ज पर अखिलेश ने दिखाए जुझारू तेवर, गेट फांदकर अखिलेश यादव ने जेपी की मूर्ति पर चढ़ाई माला

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लखनऊ, अक्टूबर 12 (TNA) समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव बुधवार को लखनऊ में एक बार फिर जुझारू तेवर में दिखे. करीब 11 वर्षों पहले अखिलेश यादव ने मायावती के शासनकाल में लखनऊ में प्रशासन की बंदिशों की अनदेखी कर विरोध जताया था. ठीक उसी तर्ज पर बुधवार को अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) के गेट को फांद कर जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया.

जबकि प्रशासन ने जेपीएनआईसी में लगी जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की इजाजत अखिलेश को नहीं दी थी. अखिलेश यादव जेपीएनआईसी के भीतर ना जा सके इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने गेट को भी बंद कर दिया. इसके बाद भी अखिलेश यादव जेपीएनआईसी के गेट को फांद कर परिसर के भीतर पहुंचे और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया. अखिलेश यादव के इस तेवर ने वहां मौजूद सपाइयों को जोश से भर दिया. मौके पर मौजूद सपा नेताओं अब किसी के रोके नहीं रुकेंगे अखिलेश का नारा लगाकर अपने जोश को जताया भी.

डर गई है भाजपा : अखिलेश

फिलहाल जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने से रोके जाने को लेकर सपा नेताओं और सूबे की सत्ता पर काबिज भाजपा नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया गया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जाने की अनुमति ना देने के लिए नाराजगी जताई है. अखिलेश यादव के अनुसार, समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर उन्हे माल्यार्पण करने से रोकने के लिए टिन की चादरें लगाकर जेपीएनआईसी में जाने से रोका जाना उचित नहीं है. क्या माल्यार्पण के लिए भी अब सम्पूर्ण क्रान्ति करना होगी.

यह सवाल करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, शायद भाजपा नेताओं को यह डर रहा होगा कि मैं जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जेपीएनआईसी का निरीक्षण का करना शुरू कर दूँ. इसलिए अपनी अव्यवस्थाओं को छुपाने के लिए एलडीए ने जेपी की प्रतिमा पर उन्हें माल्यार्पण की इजाजत नहीं दी. यह दावा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा डर रही है कि जयप्रकाश जी की तरह दोबारा भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ आंदोलन ना होने लगे. इसलिए ऐसी हरकत की जा रही हैं. ताकि भाजपा के राज्य में बढ़ रहे भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी पर कोई आवाज ना उठाए.

मुलायम की तर्ज पर दिखाये तेवर

अखिलेश यादव द्वारा बुधवार को दिखाए गए जुझारू तेवर से सपा नेताओं को मुलायम सिंह यादव की याद आ गई. मुलायम सिंह यादव भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान खुद आगे आकर मोर्चा संभालते थे. वह कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर धरना देने बैठ जाते थे. साइकिल चलाते हुए पुलिस की घेराबंदी को तोड़ते हुए आगे निकल जाते थे. आज उसी तर्ज पर अखिलेश भी कई फिट ऊंचे गेट को फांद कर जेपीएनआईसी के भीतर पहुंच गए और जेपीएनआईसी में उन्हें घुसने से रोकने के तैनात किए गए सौ से अधिक पुलिसकर्मी देखते ही रह गए.

नौटंकी कर रहे अखिलेश : केशव मौर्य

जयप्रकाश नारायण की जयंती पर जेपी की प्रतिमा पर अखिलेश यादव द्वारा प्रशासन की बंदिशों की अनदेखी कर किए गए माल्यार्पण को यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने नौटंकी बताया है. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सत्ता के लिए अखिलेश यादव उसी कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं, जिस ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया था. अखिलेश यादव को  जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाने का कोई अधिकार नहीं है.

जब उन्हें जेपीएनआईसी के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी तो वो वहां क्या करने गए थे? उन्हें नहीं जाना चाहिए था पर वो मीडिया कवरेज चाहते थे इसलिए नौटंकी करने गए थे. केशव मौर्य का यह भी कहना है कि अखिलेश यादव सत्ता के बिना बेचैन हो गए हैं. इसलिए लिए अब वह इस तरह ही हरकतें कर रहे हैं.

जेपीएनआईसी विवाद

जेपीएनआईसी का निर्माण कार्य अखिलेश यादव के शासन काल में शुरू हुआ था. करीब 900 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का 80 फीसदी कार्य वर्ष 2017 तक पूरा हो गया था. वर्ष 2017 में योगी सरकार ने इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की मिली शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी. कई साल से रुके इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए अखिलेश यादव कई बार सरकार के सक्षम इस मुद्दे को उठाया भी है.

— राजेंद्र कुमार

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