बाबा नीब करोली की अनंत कथाएँ : हर जगह महाराज जी, आगरा में दिखायी सर्वशक्तिमता

बाबा नीब करोली की अनंत कथाएँ : हर जगह महाराज जी, आगरा में दिखायी सर्वशक्तिमता

एक बार हबीबुल्ला खाँ, जो बाबा की गाड़ी के चालक थे रात में बाबा ने उन्हें उठाया और आगरा होकर लौट आने की ईच्छा व्यक्त की। बाबा ने कहा," पाँच मिनट का काम है दिन निकलते ही यहाँ पहुँच जायेंगे । आप लोग अँधेरें में ही आगरा पहुँच गये ।

बाबा ने गाड़ी खड़ी करवा कर हबीबुल्ला जी को साथ चलने को कहा । लेकिन हबीबुल्ला जी ने मना कर दिया क्योंकि उनके पेट में दर्द हो रहा था । उन्होंने बाबा से पूछा, वे कितने देर में वापस आयेंगे । बाबा ने कहा "आधे घण्टे मे "। हबीबुल्ला ने कहा वृन्दावन में तो पाँच मिनट बता रहे थे और यहाँ आधा घण्टा बता रहे है । बाबा बोले, तू पद्रंह मिनट इन्तज़ार करना, नहीं आये तो वृन्दावन चले जाना ।

हबीबुल्ला ने पच्चीस मिनट तक बाबा का ईन्तजार किया पर बाबा नही आये। चूँकि उनके पेट में दर्द था सो वे वापस लौट गये । वृन्दावन आश्रम में गाड़ी खड़ा कर जब हबीबुल्ला भीतर गये तो बाबा वहाँ तख़्त पर बैठे भक्तों से बातें कर रहे थे । वे हैरान हो गये ।

पर वे पेट दर्द से परेशान थे सो बिना बोले अन्दर चले गये । बाबा उसकी नाराज़गी को जान गये, उन्होंने एक आदमी को अन्दर भेज कर हबीबुल्ला जी को बुलवाया। हबीबुल्ला जी ने उस व्यक्ति से पूछा, "बाबा आगरा से कब आये ?" वो पलटकर बोला, बाबा गये ही कहाँ थे, वे तो सुबह से लोगों को यहीं वृंदावन में दर्शन दे रहे है ।"

उनका उतर सुनकर हबीबुल्ला चकित रह गये लेकिन बाबा की सर्व शक्ति को पहचान गए।

जय गुरूदेव

अलौकिक यथार्थ

-- पूजा वोहरा/नयी दिल्ली

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