नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: तेरा ड्राइवर बड़ा तेज है, राम राम कहकर जहाँ चाहे, वहीं गाड़ी चला देता है!
छठे दशक में कुमाऊँ मण्डल के तत्कालीन कमिश्नर, श्री प्रकाश कृष्ण ने बाबा जी को अपने घर (नैनीताल) लाने के लिये अपनी गाड़ी भेजी । भीषण वर्षा के कारण नैनीताल-भवाली रोड कई जगह कमजोर पड़ गई थी पर बाबा जी गये और लौट भी आये । तब ड्राइवर कार को वापिस ले गया।
रास्ते में पाइन्स में चुंगी के मुन्शी ने ड्राइवर को टोका कि कहाँ से आ रहे हो ? उसने बताया कि नीम करौली बाबा जी को कैंची आश्रम पहुँचा कर आ रहा हूँ । तब चुंगी मुन्शी, रघुनन्दन ने उसे डांट कर कहा, “झूठ बोलता है । पीछे तो सड़क टूटी हुई है बड़ी देर से ।” और ड्राइवर के यह कहने पर भी कि यह तो उसका चौथा चक्कर है, वह नहीं माना ।
नैनीताल लौटकर ड्राइवर ने यह बात कमिश्नर साहेब को बताई तो वे आश्चर्यचकित रह गये । जिज्ञासावश जब उन्होंने तथ्य का पता लगाया तो बात सही मालूम दी । दूसरे दिन जब वे अन्य रास्ते से कैंची पहुँचे तो उनके कुछ कहने पूर्व ही बाबा जी बोल उठे, “तेरा ड्राइवर बड़ा तेज है। राम राम कहकर जहाँ चाहे, वहीं गाड़ी चला देता है !!”
लीला का सार समझकर कमिश्नर साहब चुप रह गये ।