Experiences
नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: आप कहाँ थे?
मैंने पहली बार 1946 में भगवान सहाय, आई.सी.एस. के घर महाराज के दर्शन किए। जैसे ही मैंने बाबा के पैर छुए, उन्होंने मुझसे कहा, "आप कहाँ थे? आपने लाल बहादुर और पंत के साथ क्या बात की? उन्होंने आपका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया? वे परसों आपसे सहमत होंगे।"
मुझे आश्चर्य हुआ कि बाबा को सरकार के गुप्त मामलों के बारे में पता था, लेकिन मैंने जानबूझकर मामले के बारे में आगे की बातचीत से परहेज किया। दो दिन बाद गोविंद बल्लभ पंत और लाल बहादुर शास्त्री के साथ मेरी एक और मुलाकात हुई और उन्होंने मेरे प्रस्ताव को पूरी तरह स्वीकार कर लिया।
— द डिवाइन रियलिटी