नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : जब महाराज जी ने वायदे के अनुसार आगरा के एक भक्त को दर्शन दिए
जब बाबा का शरीर भस्मीभूत हो रहा था तभी आगरा के जगमोहन शर्मा ने देखा कि महाराजजी श्री राम तथा श्री लक्ष्मण के मध्य एक ऊँचे सिहांसन पर विराजमान है और हनुमान जी उन सबकी परिक्रमा कर रहे है । महाराजजी अति प्रसन्न मुद्रा में नीचे की और देख रहे है ।
शर्मा जी आनंद अनुभूति के साथ ये दृश्य काफ़ी देर तक देखते रहे । और जब चैतन्य हुए तो बाबा से पूछ बैठे ," महाराज ! अब पुनः दर्शन कब होंगे आपके ?" "जब तू 52 वर्ष का होगा ।" बाबा ने उत्तर दिया तो शर्मा जी आश्चर्य में डूब गये । उन्हें विश्वास हो गया कि बाबा अजर अमर है ।
इस अचंभित करने वाली घटना के कई साल बीत गये । शर्मा जी पिथौरागढ में ड्यूटी पर तैनात थे । एक दिन दौरे पर थे तो एक निर्जन स्थान पर कालमुनि शिला पर जा बैठे । बाबा का स्मरण कर रहे थे तभी एक सन्त वहाँ आ गये । पहले तो वे पहचान न सके पर फिर कई बातों से पहचान गये ।
और शर्मा जी को ये भी इंगित कर दिया कि अब उनकी उम्र 52 वर्ष की हो गयी है । तभी उन्हें बाबा की ११ सितम्बर १९७३ की कही वाणी याद आ गई कि बाबा ने 52 वर्ष की उम्र में दर्शन देने की बात कही थी । काफ़ी देर तक उनसे बात करके रहे बाबा । भ्रमित करने की भी कोशिश की । और अन्त में कुछ दूर जाकर अंतर ध्यान हो गये ।
बाबा ने अपना वायदा निभाया । हर कहीं बात बाबा पूरी करते है चाहे समय पड़ जाये, पर समय आने पर पूरी करते है ।
जय गुरूदेव