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नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: जब रेल गाड़ी एक भक्त के लिए रुकी...
नीब करौरी धाम में रेलगाड़ी रोकने की लीला तो प्रसिद्ध है ही पर केवल यही लीला प्रथम और अन्तिम न थी । भोजीपुरा जंक्शन में लखनऊ की ओर गाड़ी जाने हेतु सिग्नल हो चुका था । गार्ड ने हरी झंडी दिखा सीटी पर सीटी बजाना प्रारम्भ कर दिया था ।
ड्राइवर ने भी काफी कोशिश कर ली थी गाड़ी आगे बढ़ाने की पर गाड़ी तो अपनी जगह से हिली नहीं । तब गाड़ी पर सवार बाबा जी से उनके भक्तों ने पूछा कि गाड़ी क्यों नहीं बढ़ रही है आगे। निरपेक्ष भाव से बाबा जी ने कहा, "हमारा एक भक्त हमारे दर्शन को आ रहा है । हमने उसे यहाँ मिलने को कहा है ।”
तभी ४-५ मिनट बाद एक व्यक्ति बाबा जी को खोजते हुए फर्स्टक्लास के डिब्बे के पास पहुँच गया । उसने महाराज को प्रणाम किया, कुछ कहा और कुछ सुना । तब उसे आशीष देकर महाराज जी ने जैसे ही विदा किया गाड़ी चल पड़ी !!
(अलौकिक यथार्थ – २०८)