नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ : इलाहाबाद के एक मंदिर में मूर्ति का नीचे आ गिरना
महाराज जी प्रयाग में राम बाग़ के हनुमान मन्दिर जाते रहते थे। यहाँ के हनुमान जी को आप कण्ट्रोलर जनरल कहा करते थे । राम बाग में हनुमान मंदिर उपर की मंज़िल पर था । एक दिन इस मन्दिर में जाते हुए महाराजजी के साथ श्री माँ भी थी । माँ ने एक बूढ़ी माई को बड़े कष्ट सह कर उपर हनुमान जी के दर्शन करते जाते देखा । आप ने बाबा का इस और ध्यान दिलाया ।
मन्दिर के प्रबन्धक उस समय बाबा के पास खड़े थे, बाबा उनसे बोले," हनुमान जी नीचे क्यूँ नही आ जाते, माइयों को उपर जाने में कितनी कठिनाई होती है ।"
प्रबन्धक बोले,"विग्रह की स्थापना ही ऊपर हुई है, इसमें हम कुछ नहीं कर सकते"। बाबा ने केवल अपनी इच्छा व्यक्त की थी और वापस चल दिये ।
भगवत् इच्छा प्रबल होती है, उसने साकार होना ही था । कुछ समय बाद ही भीषण वर्षा हुई और इस मन्दिर का वे पिछला भाग, जहाँ हनुमान जी की मूर्ति स्थापित थी, नीचे गिर गया और शेष मन्दिर यथावत खड़ा रहा । इसके साथ ही हनुमान जी की मूर्ति भी वहाँ नीचे भूमि पर खड़ी खड़ी इस तरह आकर गिरी , जैसे किसी ने सहेज कर वहाँ रख दी हो ।
उसे किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँची। मूर्ति ने जहाँ अपना स्थान ले लिया था नीचे उसे वही रहने दिया गया । बाबा की रहस्यमय वाणी सत्य हुई । हनुमान जी को अपना स्थान छोड़ कर नीचे ही स्थान लेना पड़ा ।
जय गुरूदेव
अलौकिक यथार्थ