नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: जब बीच जंगल में गाड़ी ख़राब होने पर फँसी एक कैनेडियन भक्त और...
बाबा जी की कैनेडियन भक्त सुनन्दा मार्कस अमेरिका के डा० लैरी द्वारा संचालित सेवा फाउन्डेशन के कार्य से अपनी सहकर्मी, मीरा बुश के साथ मध्य अमरीका के ग्वाटेमाला नामक देश में वर्ष १६६२ में काम कर रही थी। वहाँ एक सुदूरवर्ती गाँव से ये लोग अपनी गाड़ी में राजधानी स्थित अपने होटल को लौट रही थीं तभी मार्ग में एक निर्जन घने पहाड़ी-युक्त जंगल में इनकी गाड़ी एकाएक रुक गई।
हब्शी ड्राइवर ने गाड़ी के करीब करीब सभी कल पुर्जों की चेकिंग कर डाली पर सभी को ठीक पाया। तब गाड़ी कैसे रुक गई ? उधर रात होने लगी। सुनन्दा और मीरा घबरा गईं कि इस सुनसान पहाड़ी जंगल में वे उस ठंड में रात कैसे बितायेंगी और मीलों दूर स्थित अपने होटल में कैसे पहुँच पायेंगी ?
तब सुनन्दा ने बाबा महाराज का ध्यान कर उनसे इस कठिन परिस्थिति मुक्ति दिलाने हेतु प्रार्थना की और तभी अपने कानों से उसने बाबा जी महाराज की स्पष्ट वाणी सुनी (!!) चेक द फ्यूज (फ्यूज की परीक्षा करो।) सुनन्दा मानो सोते से जाग उठी और उसने ड्राइवर को इस हेतु आदेश दे दिया ।
ड्राइवर के चैकिंग करने पर पता चला कि चार फ्यूजों में से एक फ्यूज जल गया है !! ड्राइवर ने तुरन्त एक नया फ्यूज लगा दिया और गाड़ी चल पड़ी । समय से होटल पहुँच इन्हें प्रसाद भी प्राप्त हो गया और शांति की नींद भी।अपनी यह आप बीती सुनन्दा ने स्वयँ वीरापुरम में माँ को सुनाई ।