नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: महाराज जी की गाड़ी सामने से निकली पर अद्रश्य!
महाराज जी कहीं जाने के लिये कार में बैठ रहे थे कैंची आश्रम में। तभी उन्हें सामने ही आधे-पौन फर्लांग की दूरी पर मोड़ में श्री ए० डी० पाण्डे सपरिवार फारेस्ट रेस्ट हाउस से निकल कर आते हुए दृष्टिगोचर हो गये। (पाण्डे जी को इसके कुछ पूर्व ही आने का आदेश था, पर समय का पालन वे न कर पाये थे और उन्हें विलम्ब हो गया था।)।
महाराज जी को दूर से कार में चढ़ते देख वे वहीं रुक गये कि कार के पहुँचने पर यहीं दर्शन कर लेंगे परन्तु (शायद) महाराज जी गन्तव्य को जाने में अब अधिक विलम्ब नहीं चाहते थे और फिर पाण्डे जी ने भी तो अपनी ही सुविधा देखकर समय की पाबन्दी भी भुला दी थी ।
कार स्टार्ट हुई आगे बढ़ी, उसी मोड़ पर (जहाँ पाण्डे जी सपरिवार खड़े थे) पहुँची और मोड़ पार कर ऊपर सड़क पर चल दी परन्तु पाण्डे परिवार न तो कार को देख पाया और न महाराज जी को !! कैंची आश्रम पहुँचकर ही उन्हें मालूम हो पाया कि महाराज जी की कार उन्हीं के सामने से होकर गुजरी थी !!