नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : फूल से हल्के कभी, कभी बहुत भारी

नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : फूल से हल्के कभी, कभी बहुत भारी

नैनीताल से गवर्नमेन्ट हाऊस से लौटती अयारपाटा रोड से सीधे नीचे पगडंडी के रास्ते मुख्य सडक पर बाबा जी को बिठाते ही उतारने पर डांडी वालों ने मना कर दिया कि उनका वजन बहुत ज्यादा है। महाराजजी ने साथ के भक्तो से डाँडी उठाने को कहा और कुछ ही पलों मे बावले भक्तजन बाबा जी को डाँडी मे बिठाये बिठाये पगडंडी मार्ग से ही नीचे उतर गये।

उन्हे लगा कि वे केवल खाली डाँडी ही ढो रहे है ! पर जब सडक पर डाँडी वालो ने डाँडी उठानी चाही तो उनसे भार के कारण डाँडी उठ नही सकी ! तब बाबा जी ने मुस्कराकर पुन: अपना वजन धारण कर लिया ! बाबा जी अपनी ईच्छानुसार अपना वजन कभी तो बहुत बढा लेते और कभी अपने को फूल की तरह हल्का कर लेते ! ( पूरनदा )

जय गुरूदेव

अनंत कथामृत

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