नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: जब भक्त केहर सिंह की डाइबिटीज महाराज जी ने अपने ऊपर ले ली
केहर सिंह जी को भयंकर रूप की डाइबिटीज हो गई थी जिसके लिये बाबा जी ने इन्हें पूर्व में ही सचेत कर दिया था कि “तू मिठाई प्रसाद बहुत खाता है, तू डाइबिटीज से मरेगा ।” पर ये तब भी न माने और महाराज जी के पधारने पर बड़ी मात्रा में मिठाई खा जाते थे।
धीरे धीरे डाइबिटीज ने इतना उग्र रूप ले लिया कि इनको लगा कि अब जीवन भी रहेगा कि नहीं । कोई भी इलाज कारगर साबित न हो पाया । तभी एक दिन रायबरेली से एक भक्त का पोस्टकार्ड इनके पास लखनऊ में आया कि “बाबा जी महाराज आजकल यहाँ विराजमान हैं और मुझसे कहा है कि आपको लिख दूँ कि आपकी डाइबिटीज खत्म हो गई है ।”
केहर सिंह जी तो डाइबिटीज से छुट्टी पा गये। आज भी (१९६४) मीठा दूध, मीठी चाय, खीर तथा आम तबियत भर के प्राप्त करते हैं। परन्तु उधर महाराज जी ने चीनी, आलू, मीठा, चावल आदि स्वयँ प्राप्त करना एकदम बन्द कर दिया । केहर सिंह जी की डाइबिटीज ने बाबा जी महाराज को घेर लिया और घेरे रही अन्त तक ।