नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ: भक्त के लिये रेल गाड़ी रोक दी
एक बार लेखक के छोटे चाचा जी अपने बड़े भाई के साथ काठगोदाम से लखनऊ जाने वाली रात की गाड़ी से यात्रा कर रहे थे । उनके अगले डिब्बे में बाबा विराजमान थे । अगले स्टेशन में वे बाबा के पास गये और उनसे बातें करने लगे । गाड़ी छूटने का समय हो चुका था । इंजन कई सीटियाँ दे चुका था और गार्ड भी हरी रोशनी दिखाता जा रहा था, पर गाड़ी आगे नहीं बड़ रही थी ।
उन्होंने ये सब बातें बाबा को बतायी और गाड़ी न चलने का कारण पूछा । बाबा बोले, "हमने अपने एक भक्त को यहाँ मिलने को कहा है, वो भागा चला आ रहा है ।" लगभग ५ मिनट बाद एक व्यक्ति उनको खोजता हुआ वहाँ आ पहुँचा ।उसने बाबा को चरण स्पर्श किया और बाबा ने धीरे से उससे कुछ कहा और तत्काल आशीर्वाद दे विदा किया, और गाड़ी चल पड़ी । बाबा कि दिव्य दृष्टि उस अपनी और आते भक्त पर थी तो वे गाड़ी कैसे चल सकतीँ थी ।
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ