नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : भक्त को हनुमान के अवतार होने का एहसास कराया
कैंची में बाबा एक दिन शंकर प्रसाद व्यास जी के साथ टहल रहे थे । बाबा व्यास जी के कन्धे पर हाथ रख कर चल रहे थे । एकाएक व्यास जी के मन में विचार आया कि लोग बाबा को हनुमान का अवतार कहते है, पर इस बात पर विश्वास कैसे किया जाये ।अभी वे सोच ही रहे थे कि बाबा का कंधे पर रखा हाथ उनको भारी महसूस होने लगा और धीरे धीरे उसका भार बड़ता ही चला गया ।
यहाँ तक कि उनका कंधा जवाब देने लगा । हाथ सहज रूप से आपके कन्धे पर पड़ा था उसका आकार भी यथावत था । व्यास जी बहुत परेशान हो गये । प्रेम से रखे इस महान विभूति के हाथ को हटाने में आपके संकोच हो रहा था, पर उसका भार बड़ता जा रहा था जो आपके सहन से बाहर था ।
अपनी ऐसी विवशता में आप मन ही मन प्रार्थना करने लगे कि बाबा मुझे मेरी धृष्टता के लिये क्षमा करे । ऐसे कहते ही स्थिति पूर्ववत हो गयी । इस तरह बाबा ने अपना हनुमत रूप दिखा दिया ।
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ