नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: बद्रीनाथ  के रूप में दर्शन

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: बद्रीनाथ के रूप में दर्शन

बद्रीनाथ धर्मशाला में श्रीमती मुन्नी साह को बाबा जी ने पुनः भेज दिया बद्रीनाथ दर्शन को । परन्तु उन्हें बद्री भगवान के स्थान पर अब बाबा जी ही स-शरीर बैठे दिखाई दिये। वे अश्रुपूर्ण नेत्रों से बड़ी देर तक ये दृश्य देखती रही ।

पुष्टि हेतु बाबा जी ने उनके श्वसुर श्री हब्बा जी को भी पुनः: दर्शन करने की आज्ञा दी । हब्बा जी ने भी वही दृश्य देखा - बद्रीनाथ की मूर्ति की जगह बाबा जी ।

दोनो अश्रुपूरित नेत्रों से बाबा जी के पास चले आये, हब्बा जी बाबा को देखते ही बोल उठे "जब यही दर्शन हो रहे थे तो फिर वहाँ भेजने की ज़रूरत क्या थी ?" और इतना कह कर हब्बा जी बाबा के चरणों पर गिर कर ख़ूब रोये ।

जय गुरूदेव

अन्नत कथामृत

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