Experiences
नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ : क्षण मात्र मे अदृश्य
एक बार हनुमानगढ़ नैनीताल में महाराज एक पेड़ के नीचे बैठे थे । वहाँ उनके पास अनेक भक्त उपस्थित थे जिनमें श्री जगदीश चन्द्र पाण्डे और श्री हीरालाल साह (हब्बा जी) भी थे । हब्बा जी में आदि हैडा खान जी की चर्चा करते हुए कहा कि वो देखते देखते गायब हो जाते थे। इसी बीच बाबा खड़े हो गये और जगदीश जी से बोले, "अपना कोट उठा, चलते है ।"
वे मुड़ कर ज़मीन से अपना कोट उठाने लगे और बाबा ने ऐसी माया रची कि उपस्थित सब लोगों का ध्यान पाण्डे जी की और आकर्षित हो गया । इतने में ही बाबा अंतरध्यान हो गये । आधे घण्टे तक हनुमानगढ़ में उनकी खोज होती रही । चप्पा चप्पा लोगों ने ढूँढा मगर बाबा नहीं मिले । बाद में बहुत दूर उसी पर्वत पर बाबा के दर्शन हुए । जब भक्त वहाँ पर पहुँचे तो बाबा के चेहरे में मुस्कराहट थी ।
जय गुरूदेव
रहस्यदर्शी
श्री नीब करौरी बाबा परिवार