नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ : सपने में आ एक्ज़िमा का इलाज मिट्टी का तेल बताया, और आश्चर्य की बीमारी ठीक भी हुई!
श्यामा जी के पति के सिर में एक बार ऐसा एक्ज़िमा (मलपस) हो गया जो किसी भी इलाज से ठीक न हो पाया । कष्ट के मारे दिवाकर पंत जी विकल हो उठे - न दिन को चैन न रात को नींद । पागलों की-सी स्थिति हो चली। तभी एक रात श्यामा जी ने स्वप्न देखा कि बाबा जी आ गये और बोले, “इसके सिर में मिट्टी का तेल लगा दे !!”
पगली श्यामा ने अपने गुरू के ब्रह्मवाक्य के अनुसार दूसरे दिन रात को पंत जी के सिर में मिट्टी के तेल से तर एक रुई का फाहा रख दिया । बस क्या था, फाहा रखते ही पंत जी विकल हो उठे और श्यामा जी से न मालूम क्या क्या कह डाला ।
परन्तु गुरुवाक्य के प्रति समर्पित श्यामा जी ने पुनः दूसरी रात भी ऐसा ही कर डाला और कहनी-न कहनी सब सुन ली । यही काम उन्होंने तीसरे और चौथे दिन भी कर डाला और तब पंत जी को शांति की नींद आने लगी। पाँचवें दिन स्नान करते वक्त उन्हें मालूम हुआ कि एक्जेमा के घावों के स्थान पर पपड़ी जम चुकी है !! और धीरे-धीरे वह पपड़ी भी लोप हो गई । पंत जी पूर्णरूपेण स्वस्थ हो गये ।
(श्यामा पंत द्वारा वर्णित)