नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: एक भक्त के गाली देने पर बोले, उसे कुछ मत कहो वो एक योगी है!
ओंकार सिंह चाहता था कि उसका दोस्त हरपाल सिंह बाबा से मिले। हरपाल सिंह ने बाबा को कोई सम्मान नहीं दिया और बाबा को गाली दी। यह सुनकर ओंकार सिंह उत्तेजित हो गया और उसने अपनी रिवॉल्वर पर हाथ रख दिया। बाबा ने तुरंत हाथ पकड़ लिया और उस आदमी की प्रशंसा करते हुए बाबा ने कहा, "वह योगी है। “आप नहीं समझते, वह योगी है।"
इस घटना के बाद, हरपाल सिंह का स्वभाव दिन-प्रतिदिन बदलता गया। बाद में हरपाल सिंह लखनऊ के कमिश्नर बने। सेवानिवृत्ति के बाद उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अपने अंतिम दिनों के दौरान वे हमेशा खुश रहते थे और आत्मा से संबंधित गीता के दोहे पढ़ते थे।
उन्होंने वैराग्य की ऐसी मिसाल पेश की कि जीवन के अंतिम क्षण में भी उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों की ओर रुख नहीं किया। हरपाल सिंह की मृत्यु के समय बाबा नैनीताल में थे। आंखों में आंसू लिए, बाबा ने अपने एक भक्त से कहा, "हरपाल चला गया। वह आज मेरे साथ एक हो गया है।" उन्हें योगी कहकर उन्होंने हकीकत में हरपाल सिंह को योगी बना दिया।
~ द डिवाइन रीयालिटी