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नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : भक्त पूरन का 'सरयू स्नान' !
पूरन बाबा के अनन्य भक्त थे । एक दिन बाबा के साथ वे जंगल में नदी के किनारे बैठे थे । बाबा ने अपना वज्र सीना भी उनसे मलवाया । ब्रह्म बेला आ चुकी थी । नदी में गंदा पानी बह रहा था । तभी बाबा बोले, "पूरन, सरयू में स्नान कर ले ।" आज्ञा अनुसार उन्होंने उस गंदे पानी में डुबकी लगाई और क़मीज़ से बदन पोंछ दिया ।
परन्तु मन ही मन सोचते रहे कि ये कैसी सरयू है? कभी बाबा बोल उठे," पूरन सरयू स्नान कर तुम निर्मल हो गये ।"और फिर गाने लगे,"तहंहि अवध जहँ राम निवासू ।" अर्थात् जहाँ राम है वहीं अवध है और वहीं सरयू है !! पूरन गदगद हो उठे, राम ( बाबा ) यहीं है को सरयू भी यहीं है ।
जय गुरू देव
अनंत कथामृत