नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: जब दया निधान महाराज जी ने व्यक्ति द्वारा भला बुरा कहे जाने बाद भी उसका उद्धार किया
मेडिकल डिपार्टमेंट का एक डाक्टर अपनी ग़लत करनी के कारण सस्पेंड हो गया। कोई उसके अच्छे कर्म थे कि बाबा जी को उस पर कृपा करनी थी, सो पहुँच गये कुछ भक्तों को लेकर उस डाक्टर के घर के बाहर । एक भक्त को भेज कर कहा, " जाओ डाक्टर से कहो की बाबा नीब करौरी आये है ।"
बाबा के कहने पर दरवाज़ा खुलवाकर भक्त ने डाक्टर को बाबा का संदेश दिया । परन्तु अपने मद में मस्त और नौकरी से सस्पेंड होने के कारण डाक्टर ग़ुस्से से बोला,"भाग जाओ, किसी बाबा वाबा को नहीं जानते।" अब बाबा ने दूसरे भक्त को भेजा, फिर तीसरे को, ग़ुस्से से भरे डाक्टर ने असभ्यता दर्शाते हुए बाबा को भाग जाने का आदेश भिजवा दिया ।
तब भी बाबा वहीं खड़े रहे, अपने अपमान का परवाह न करते हुए एक भक्त को फिर भेजा यह कहलवाकर,"तुमको डाक्टर डीएन शर्मा ने सस्पेंड कर दिया है और हम तुम्हें बहाल कराने आये है ।" अबकी डाक्टर दौड़ा दौड़ा बाहर आया और परिवार समेत बाबा के चरणों में गिर पड़ा । डी. एन. शर्मा को लखनऊ बुलाकर उसके समक्ष हर प्रकार से डाक्टर की पैरवी की और उसे शीघ्र बहाल कर दिया ।
भक्तों के पूछने पर की डाक्टर द्वारा इतना अपमान करने पर भी बाबा ने उसपर कृपा क्यों की ?उतर मिला, "तुमने देखा नहीं? डाक्टर के कितने बच्चे थे। वे सस्पेंड ही नहीं नौकरी से भी निकाल दिया जाता । तब उसके बच्चों का जिनका उसकी करनी में कोई हाथ नहीं था उनका क्या होता?"
भक्त बाबा जी के उस दया निधान रूप को देखकर विभोर हो गये ।
जय गुरूदेव
अनंत कथामृत