नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: अब तक तो बाबा जी की शक्ति से गाड़ी चलती रही पर अब...

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: अब तक तो बाबा जी की शक्ति से गाड़ी चलती रही पर अब...

बरेली के एक भक्त, श्री योगेन्द्र गोयल हल्द्वानी आये थे अपने उद्योग से सम्बन्धित कार्य से । यद्यपि सन्ध्या होने लगी थी फिर भी उन्होंने सोचा चलो लगे हाथ कैंची में बाबा जी महाराज के दर्शन-लाभ भी कर लें समय से बरेली भी लौट लेंगे । पेट्रोल मीटर देखा तो पेट्रोल कैंची जाकर हल्द्वानी वापिस आने लायक पर्याप्त था सोचा लौटकर भरा लेंगे। बाबा जी के शीघ्र दर्शन की लालसा ने तत्काल पेट्रोल लेने में समय बर्बाद करना गवारा नहीं किया कि कहीं फिर बाबा जी विश्राम को न चले जाये ।

कैंची पहुँचे, दर्शन हुये । जाने की आज्ञा माँगी तो महाराज जी ने रोक दिया । सोचा, अब रात को काम ही क्या होना है बरेली में – सुबह पेट्रोल लेते निकल जायेंगे । आनन्द पूर्वक प्रसाद पाया और विश्राम करने चले गये धर्मशाला में ।

पर रात को ही साढ़े दस-ग्यारह बजे बाबा जी की आज्ञा हुई, “चलो, अभी चलते हैं।” क्या करते ? यह भी नहीं बताया बाबा जी ने कि कहाँ जाना चलना है । इसी उम्मीद में कि काठगोदाम-हल्द्वानी-किच्छा में कहीं तो मिलेगा पेट्रोल, आप बाबा जी को गाड़ी में बिठा कर चल दिये। पर जहाँ जहाँ पहुँचे, पेट्रोल पंप बंद मिले ।

फिर भी गाड़ी को बाबा जी के निर्देशानुसार आगे बढ़ाते रहे और चलते चलते बुलन्दशहर के पास एक निर्जन स्थान पर बाबा जी ने गाड़ी रुकवाई, चटपट उतर पड़े नीचे और एक तरफ अंधेरे में निकल गये कहते हुये कि “हम एक भगत के यहाँ जा रहे हैं। तुम बरेली वापिस चले जाओ ।” देख-सुन कर गोयल साहब तो सकते की हालत में आ गये सोचते हुये कि अब तक तो बाबा जी की शक्ति से गाड़ी चलती रही। - मैं भी निर्दन्द्व रहा- पर अब बिना पेट्रोल बरेली कैसे पहुँचूंगा ?

और अंधेरी रात में ऐसे निर्जन स्थान में उस विकट परिस्थिति में उनके हृदय में भय व्यापना भी स्वाभाविक था । लाचार हो महाराज जी का स्मरण कर उन्होंने गाड़ी लौटाई और बरेली की ओर चल दिये । गाड़ी भी चलती रही !! पर सहसा एक स्थान पर घरघराते हुये रुक गई । तब गोयल जी अत्यंत दुखी भी हो गये, भयभीत भी ।

पर बाबा जी ने ही तो उन्हें इस परिस्थिति में डाला था, तब क्या अनहोनी होती उनके साथ ? एकाएक उनकी नजर काफी दूर पर बिजली की रोशनी पर पड़ी ! यह तो पेट्रोल पम्प भी हो सकता है सोचते गोयल जी जेरीकेन लेकर वहाँ पहुँचे तो सचमुच पेट्रोल पम्प था और खुला भी था उस वक्त !! बाबा जी की इस कृपा का मन ही मन आनन्द लेते हुये इन्होंने जेरीकेन में कुछ पेट्रोल लाकर गाड़ी में डाला और फिर गाड़ी लाकर पूरा पेट्रोल ले सकुशल बरेली पहुँच गये ।

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