नीब करोरी महाराज की अनंत कथाएँ : नाई का दुखड़ा

नीब करोरी महाराज की अनंत कथाएँ : नाई का दुखड़ा

एक बार बाबा जी नाई से दाढ़ी बनवाने उसकी दुकान पर गये ! दाढ़ी बनाते हुए नाई अपना दुखड़ा रोने लगा - बाबा मेरा एक ही बेटा है, घर से रूठ कर भाग गया ! बहुत खोज कराई उसका कही पता नही चल रहा ! घर मे बहुत उदासी है ! कहते कहते नाई रोने लगा ! किसी के आँसू तो महाप्रभु देख ही नही पाते थे ! बाबा द्रवित हो गये बोले "आ जायेगा "! नाई बोला सभी सन्त लोग यही कहते है पर अभी तक वे नही आया !

नाई के ऐसा कहते है बाबा जी ने लघुशंका की अपनी इच्छा कही और बाहर चले गये ! तब तक केवल एक तरफ की दाढ़ी बनी थी ! फिर कुछ देर बाद फिर आ गये दाढ़ी बनवा कर जाते हुए कह गये बाबा " तेरा बेटा जल्दी आ जायेगा !"

दूसरे दिन ही लड़का वापिस घर आ गया ! नाई के पूछने पर कि कहाँ थे ! कैसे घर आये?? तो लड़के ने बताया "कल सुबह होटल मे जब मैं बर्तन धो रहा था तो साधु जैसा कोई आदमी मेरे पास आया और मुझसे कहा कि जल्दी घर जा, तेरी गाड़ी छूटने वाली है ! तेरा बाप तुझे बहुत याद कर रहा है ! उसने ही मुझे टिकट के पैसे भी दिये ! और बापू उसकी आधी दाढ़ी बनी हुई थी ! मैं फ़ौरन चला आया !

सुनकर नाई हतप्रभ हो गया ! नाई समझ गया कि वे नीम करौली बाबा ही थे !

जय गुरूदेव

अनंत कथामृत

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