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नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: कुत्ते की पीठ पर पूरे गाँव में घूमना!
महाराज जी अक्सर एक चितकबरे कुत्ते, गेंडुवा की पीठ पर सवार हो गाँव में घूम फिर लेते थे । (शिव के भैरव स्वरूप में ?) बाबा जी के हृष्ट-पुष्ट जवान शरीर के भार को वह कुत्ता कैसे वहन कर ढो पाता था, इस रहस्य का खुलासा बाबा जी ही कर सकते हैं तो यह तथ्य पहेली ही बना रहा गाँव वालों के लिए।
परन्तु अपने शरीर को अपनी इच्छानुसार भारी-हल्का कर लेने की अनेक कथायें (जिसमें से यहाँ भी आगे कुछेक दी जा रही हैं) इस रहस्य पर यही प्रकाश डालती हैं कि प्रकृति पर पूर्ण नियन्त्रण रखने वाले बाबा जी के लिए अपने शरीर के तत्वों की मात्रा में वृद्धि अथवा न्यूनता ले आना महज एक कौतुक-मात्र होता था ।
बाबा जी महाराज की जय
(अनंत कथामृत से सम्पादित अंश साभार)